झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एंव विकास निगम के गठन को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने लॉलीपाप बताया है। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने इसका विरोध जताते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया। मोर्चा के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि ओबीसी समुदाय को उनका वाजिब हक देना होगा। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में इस वर्ग का अधिकार चाहिए। सरकार इस निर्णय से ओबीसी समुदाय को कर्जखोर बनाने और ठगने का काम किया है।
जब लोकसभा का चुनाव था तब मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के आंदोलनों के दौरान घोषणा किया था कि एक महीने में सर्वेक्षण कर ओबीसी समुदाय का आरक्षण बढाया जाएगा लेकिन लोकसभा के बाद 6 महीने और बीत गये और अब विधानसभा का चुनाव नजदीक है सरकार ने उसी को देखते हुए ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम बनाने की घोषणा की है यह जो आज पिछड़ा वित्त निगम घोषणा राज्य सरकार के 5 साल पूरे होने के बाद किया है इसे राज्य सरकार को 52% आबादी वाले समाज के लिए पहली कैबिनेट में बैठक मैं इसे घोषणा करना चाहिए था यह 5 साल के बाद घोषणा करना यह ओबीसी समुदाय को ठगने काम है और ओबीसी समुदाय के आरक्षण जो जीरो से 14 परसेंट है उसे बढ़ाने की घोषणा को ठंढे बस्ते में डालने का पुनः षड्यंत्र है। झारखंड प्रदेश में एससी एसटी और अगड़ी जातियों का आरक्षण का प्रावधान उनके जनसंख्या के प्रतिशत के बराबर क्रमशः 10 प्रतिशत 26% और 10% किया गया है तो 52% आबादी वाले ओबीसी समुदाय का आरक्षण 52 परसेंट होना ही चाहिए। मुख्यमंत्री एक बार फिर से संज्ञान लें और विधानसभा चुनाव में जाते-जाते अपने आप को पिछड़ा मुख्यमंत्री साबित करने के लिए ओबीसी समुदाय के लिए भी उनके जनसंख्या के प्रतिशत के बराबर 52 परसेंट आरक्षण कर देना चाहिए नहीं तो राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा आंदोलन के लिए बाध्य है।