संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेशन विधेयक Lok Sabha में आज पास हो गया है। इसके तहत एक साल तक सांसदों की सैलरी 30 फीसद कटकर मिलेगी। इस बिल का ज्यादातर सांसदों ने खुलकर समर्थन किया है। इसके साथ ही सांसदों ने सरकार से मांग की है कि सांसद निधि में कटौती न की जाए।
जब यह बिल Lok Sabha में पास किया जा रहा था तब चर्चा के दौरान कुछ सांसदों ने कहा कि सरकार हमारी पूरी सैलरी ले ले, लेकिन सांसद निधि पर कोई कटौती नहीं करनी चाहिए। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि सरकार इस बिल के माध्यम से सरकार हमारी पूरी सैलरी ले ले हमें कोई दिक्कत नहीं हैं और कोई भी सांसद इसका विरोध नहीं करेगा, लेकिन हमें सांसद निधि पूरी मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही TMC के एक और सांसद सौगत रॉय ने इस बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि 30 फीसदी कटौती के बजाए आप हमारी पूरी सैलरी ले सकते हैं लेकिन सांसद निधि में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए। हम इसी के सहारे अपने क्षेत्रों में लोगों से जुड़े मुद्दों पर काम करते हैं।
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज Lok Sabha में संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेंशन संशोधन विधेयक 2020 को पेश किया था, जो संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेंशन अध्यादेश 2020 का स्थान लेगा। इस दौरान ही प्रह्लाद जोशी ने कहा कि Corona महामारी ने राहत और सहायता के महत्व को प्रदर्शित किया है इसलिए Corona महामारी को फैलने से रोकने के लिए कुछ कठोर कदम उठाए जाने जरूरी हैं, जिसमें यह भी शामिल है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले ही दिन सरकार ने लोकसभा में 5 विधेयक पेश किए। कृषि सुधारों से जुड़े अध्यादेशों पर विपक्षी विरोध के बावजूद 3 विधेयक पेश किए गए। इसके अलावा सरकार ने Lok Sabha से 2 विधेयक पारित भी करा लिया