रूस-यूक्रेन युद्ध अभी तक जारी है. खबर आ रही है कि रूस ने ईरान और उत्तर कोरिया से हथियार लेने के बदले ‘सैन्य समर्थन’ देने की पेशकश की है. ऐसा माना जा रहा है कि अब रूस को हथियारों की कमी महसूस होने लगी है, इसलिए वह अपने मित्र देशों के साथ रिश्तों को और मजबूत बनाने में लगा हुआ है. रूस के इस कदम से पश्चिमी देश यूक्रेन के लिए चिंतित हो रहे हैं.
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को अमेरिकी खुफिया आकलन का हवाला देते हुए कहा कि रूस ईरान को ‘अभूतपूर्व स्तर की सैन्य और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है जो उनके रिश्ते को पूर्ण रक्षा साझेदारी में बदल रहा है.’ व्हाइट हाउस का कहना है कि रूस ने तोपखाने के लिए उत्तर कोरिया का भी रुख किया है. हालांकि, उत्तर कोरिया ने इस दावे का खंडन किया है.
ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि मॉस्को अब हथियारों के स्टॉक को फिर से भरने के लिए कोशिश कर रहा है. रूस ने यूक्रेन के नागरिकों को मारने के लिए ईरान के सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. वुडवर्ड ने पिछले तीन हफ्ते में हुए हमलों में उपयोग हुए हथियारों की रिपोर्ट को देखते हुए कहा कि रूस को शायद ईरानी शहीद-131 और 136 ड्रोन की फिर से आपूर्ति प्राप्त हुई थी तभी जो भी हथियार इस्तेमाल हुए हैं वह ईरान निर्मित थे. संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस और ईरान के बीच ‘बड़े पैमाने पर सैन्य साझेदारी’ पर यूक्रेन, ईरान के पड़ोसियों और व्यापक दुनिया के लिए ‘हानिकारक’ बताया.