समीक्षा बैठक पर राजद ने कसा तंज,कहा-” खोदा पहाड़ निकली चुहिया”

बिहार में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर विपक्ष हमलावर है. पिछले दिनों सूबे में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को शराबबंदी (Liquor ban in bihar) पर समीक्षा बैठक की है.शराबबंदी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक पर राजद ने प्रतिक्रिया व्यक्त किया है. बैठक पर राजद ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मात्र एक लाईन में इस बैठक के बारे में निचोड़ व्यक्त किया जा सकता है. ” खोदा पहाड़ निकली चुहिया.

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि घंटों चली मैराथन बैठक में उन्हीं बातों की पुनरावृत्ति की गई है जिनकी चर्चा पहले हुए समीक्षा बैठकों में की जाती थी. हां इस बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि शराबबंदी मामले में बड़े अघिकारियों को अपरोक्ष रूप से जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. जबकि पिछले बार हुए समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा सम्बद्ध डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई करने की घोषणा की गई थी. हालाकि अभी तक किसी डीएम और एसपी अथवा किसी उच्चस्थ पदाधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

तेजस्वी ने पूछे थे सरकार से 15 सवाल
राजद प्रवक्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा सरकार से जो सवाल किया गया था उसका कोई जवाब सरकार के ओर से नहीं दिया गया. स्पष्ट है कि शराबबंदी को लेकर सरकार नीति तो बनाती है पर उसका नियत साफ नहीं है. इस लिए उस पर अमल नहीं होता. बगैर नीयत के नीति बनाने और मैराथन बैठक का कोई मायने नहीं है. यह केवल ढकोसला है.

इससे पहले तेजस्वी यादव ने समीक्षा बैठक पर सवाल उठाया था और इसे नौटकी बताया था तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से 15 सवाल पूछे थे.

  1. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बताएं कि वो शराबबंदी पर आज कौन से नंबर की समीक्षा बैठक कर रहे हैं? क्या यह 1100वीं समीक्षा बैठक है?
  2. विगत 6 वर्ष में शराबबंदी पर की गयी पूर्व की हज़ारों समीक्षा बैठकों का क्या परिणाम निकला? अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिले तो यह प्रशासन की नहीं, सरासर मुख्यमंत्री की घोर विफलता है?
  3. मुख्यमंत्री शराबबंदी के नाम पर लाखों गरीबों-दलितों को जेल में डाल चुके हैं लेकिन वो बताएं कि अब तक उन्होंने शराब की पूर्ति करने वाले कितने माफिया, कारोबारी, तस्करों और अधिकारियों को जेल भिजवाया है? अगर नहीं तो क्यों? क्या यह कानून गरीब पर ही लागू होता है?
  4. नीतीश सरकार शराब माफिया के साथ मिलीभगत के चलते न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती जिससे एक-आध माफिया जो पकड़ाया जाता है उसे बरी होने में आसानी होती है. मुख्यमंत्री अगर शराबबंदी को लेकर गंभीर हैं तो वो बताएं शराबबंदी के कितने मामलों में हारने के बाद बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है?
  5. मुख्यमंत्री जी, बताएं शराबबंदी के नाम पर आज तक कितने डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी बर्खास्त हुए हैं? क्या शीर्ष पुलिस अधिकारी शराबबंदी के प्रति जवाबदेह नहीं है?
  6. मुख्यमंत्री जी, बताएं शराबबंदी के नाम पर वो सिर्फ सिपाहियों को ही क्यों निलंबित करते हैं? निलंबित करने बाद उन्हीं 80% सिपाहियों को दोबारा बहाल क्यों करते हैं? अगर उन अधिकांश सिपाहियों की कोई गलती नहीं होती तो फिर आप उनके निलंबन का नाटक क्यों रचते हैं? क्या इसलिए कि शीर्ष अधिकारी बच जाए और सिपाहियों को निलंबित कर कुछ समय तक मामला ठंडा कर दिया जाए?
  7. मुख्यमंत्री जी बताए, शपथ लेने वाले अधिकांश पुलिसकर्मी और जेडीयू नेता शराब क्यों पीते हैं?
  8. मुख्यमंत्री जी अगर शराबबंदी की लेकर गंभीर है तो हमारे द्वारा सदन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद मंत्री रामसूरत राय और उनके भाई के खिलाफ कारवाई करने में आपके हाथ क्यों कांप गए? आप Biased और Selective Approach के साथ शराबबंदी करने की सोच भी कैसे सकते हैं?
  9. हम शराबबंदी में सहयोग करते हैं, साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं तो आप कारवाई करने की बजाय सदन में बैठे-बैठे मास्क के अंदर मुस्कुराते हैं. आपके लिए शराबबंदी नहीं कुर्सी महत्वपूर्ण है. है कि नहीं??
  10. आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष के करीबी, जेडीयू के वरिष्ठ नेतागण, सीतामढ़ी के उपाध्यक्ष, नालंदा के प्रखंड अध्यक्ष, सहित श्याम बहादुर सिंह जैसे अनेक विधायकों और आपके करीबी नेताओं के हमने साक्ष्य और video आपके सामने रखे. जनता को प्रवचन देने से पूर्व आप यह बताए उनके विरुद्ध आपने क्या कारवाई की? कई ईमानदार अधिकारियों द्वारा आपके नेताओं के विरुद्ध कारवाई करने पर आपने उन अधिकारियों को ही हटा दिया. यही आपकी शराबबंदी को लेकर प्रतिबद्दता है.
  11. मुख्यमंत्री जी, आप विपक्ष के किसी भी सकारात्मक फ़ीड्बैक, सुझाव और ज़मीनी हक़ीक़त को हमेशा राजनीतिक चश्मे से देखते हैं इसलिए हर बात में आपको राजनीति ही नजर आती है. हमारी नहीं तो अहंकार त्याग कम से कम आपके वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय जीतनराम मांझी जी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक सांसद जो इसकी खामियां गिनाते हैं, उन पर तो गौर कीजिए.
  12. वह शराब माफिया जिसकी वजह से अनेक मौतें हो जाती हैं वह आपके बेडरूम तक कैसे पहुंचता है? उसके चुनाव जीतने पर आपकी पूरी पार्टी उसे बधाई देने पहुंचती है? यह संबंध क्या कहलाता है?
  13. विगत 15 दिनों में विभिन्न जिलों में जहरीली शराब से हुई 65 मौतों का दोषी कौन है?
  14. शराबबंदी के बावजूद प्रदेश की सीमा के अलावा 4-5 जिलों की सीमा पार कर करोड़ों लीटर शराब गंतव्य स्थल तक कैसे पहुंचती है? क्या आपके कथन अनुसार शासन-प्रशासन में सिवाय आपको छोड़ “सब लोग ही गड़बड़” है?
  15. अगर बिहार में कथित लाखों लीटर शराब ज़ब्त हुई है, तो वह प्रदेश के अंदर कब, कैसे और क्यों पहुंची? इसमें किसका दोष है? यह किसकी विफलता है? अगर सरकार में बैठे माफिया, तस्कर, सत्तारूढ़ नेता और अधिकारी बिहार में प्रति माह करोड़ों लीटर शराब की पूर्ति नहीं कराते तो क्या अदृश्य “सुशासनी भूत” यह सप्लाई करता-कराता है?

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