राजद लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने आज डिबडीह स्थित कार्निवल हॉल में पार्टी का महाधिवेशन करवाया। इस अधिवेशन में बड़ा राजनीतिक एलान किया गया। उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं के तहत चलती है। पार्टी को किसी भी गठबंधन से परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को आदिवासियों का निरंतर दो वर्षों का स्टेट्स रिपोर्ट केंद्र को अविलम्ब भेजना चाहिए। मुख्यमंत्री पिछड़े वर्गों से होने के बावजूद ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा करने में फेल हो गए हैं। पार्टी की मांग है कि मुख्यमंत्री किसी के आरक्षण में कटौती किये बगैर 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की अविलम्ब अनुशंसा करें।
बताते चलें कि राणा 1977 में जनता दल के टिकट पर पहली बार बगोदर से विधायक चुने गए थे, फिर 1985 में वहीं से विधायक बने। अविभाजित बिहार में 1991 में युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। झारखंड अलग राज्य गठन के बाद जदयू के अध्यक्ष बने। राणा कुछ महीने तक झाविमो में भी रहे। तत्पश्चात उन्होने जून 2019 में राजद लोकतान्त्रिक का गठन किया ।
आयुष्मान भारत योजना का सही ढंग से राज्य में क्रियान्वयन नहीं होने के कारण राज्य के लाखों गरीब रोग पीड़ित परिवार लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। पार्टी के महासचिव प्रणय कु बबलू जी ने बताया कि पार्टी को अगर अकेले ही लड़ना पड़ा तो 26-30 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे, सिद्धांतों से कोई समझौता न करना पड़े तोह किसी और गठबंधन का हिस्सा होने मे भी कोई गुरेज नहीं है, इस महाधिवेशन मे पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ उत्साहवर्धक थी। इसमें राजनीतिक गतिविधियों और प्रमुख एजेंडों पर सामूहिक चर्चाएं की गईं। इस मौके पर आबिद अली,महासचिव प्रणय कु बबलू,चन्द्रशेखर भगत, शब्बर फातमी आदि मौजूद थे।