12 साल पहले रामपुर में (CRPF) सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के मामले में शुक्रवार को एडीजे (ADJ) कोर्ट ने सजा सुना दी है। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक रिकशा चालक ने भी जान गंवा दी थी। इस हमले के आरोपी आठ में से छह को कोर्ट ने दोषी माना है।
एडीजे कोर्ट ने सीआरपीएफ ग्रुप कैंप पर आतंकी हमले के आरोप से कौसर फारूकी व गुलाब खान को बरी कर दिया है। इस हमले के छह दोषी में से तीन पाकिस्तानी हैं। इन सभी को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। अपर जिला सत्र तृतीय के न्यायालय में हमले के मामले में पाक अधिकृत कश्मीर के इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव के फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, मुरादाबाद के मूंढापांडे के जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव के मोहम्मद शरीफ को दोषी माना गया है
जिला शासकीय अधिवक्ता सरदार दलविंदर सिंह (डम्पी) ने बताया कि मोहम्मद शरीफ, जंग बहादुर, इमरान शहजाद, मोहम्मद फारुख और सबाउद्दीन को आतंकी हमले में दोषी करार दिया गया। गिरफ्तार मुंबई गोरेगांव के फहीम अंसारी से पासपोर्ट और पिस्टल वगैरह बरामद हुए थे। उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं पाई गई है।
उसे धारा 420, 467, 468, 471, 200 आईपीसी, 25/1/ए में दोषी पाया गया है। प्रतापगढ़ के कुंडा के कौसर फारुखी तथा बरेली के बहेड़ी के गुलाब खान को दोष मुक्त किया गया है। आज लखनऊ व बरेली जेल में बंद आठ आरोपियों को सजा सुनाई जानी थी। इसके कारण शहर में पुलिस तथा सीआरपीएफ हाई अलर्ट पर थे।