Ram Navami 2023 Date :चैत्र नवरात्रि के 9 वें दिन रामनवमी (Ram Navami) का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने जन्म लिया था। इस बार रामनवमी (Ram Navami) 30 मार्च को 5 शुभ योग में मनाई जाएगी। रामनवमी पर इस बार गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरु योग का संयोग है। राम नवमी (Ram Navami) के दिन इन पांचों योग के होने से श्रीराम की पूजा का शीघ्र फल मिलेगा। इस दिन किए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग 30 मार्च को प्रात 10:59 बजे आरंभ होगा और 31 मार्च की सुबह 06:13 बजे तक रहेगा. गुरु योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा. इन पांच योग को एक साथ रामनवमी (Ram Navami) के दिन मिलने से तथा विधि-विधान पूर्वक भगवान राम का पूजा आराधना करने से आए हुए विपत्ति से छुटकारा तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है।
प्रभु श्रीराम की विधि-विधान से करें पूजा
रामनवमी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीराम का केसरयुक्त दूध से अभिषेक करें।
श्रीराम चरित मानस का पाठ करें।
समयाभाव में पूरा पाठ न कर सकें तो सुन्दकाण्ड का पारायण अवश्य करें।
ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है, साथ ही धन वैभव की वृद्धि होती है।
रामनवमी के दिन एक कटोरी में गंगा जल रखकर उसके सामने रामरक्षा मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्री नम का जप 108 बार
इस जल को घर के हर कोने छत पर छिड़क दें।
ऐसा करने से घर का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
हवन का विशेष महत्व
आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलैठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, गोला और जौ हवन के लिए जरुरी सामान को एक साथ रख लें।
हवन विधि
हवन पर बैठने वाले व्यक्ति को रामनवमी के दिन प्रातः जल्दी उठना चाहिए।
शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए।
हवन पति-पत्नी साथ में करें तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है।
सबसे पहले किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
हवन कुंड में आम लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें ।
इसके बाद हवन कुंड में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः का जाप करते हुए घी से माता के नाम की आहुति दें।
इसी के साथ अन्य देवी-देवताओं के नाम की आहुति दें।
इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन सामग्री को आहुति दें।
हवन के बाद करें यह कार्य
हवन के बाद मां दुर्गा की आरती करें।
इसके बाद माता को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं।
कन्याओं को भी भोजन कराएं. प्रसाद बांटें. उन्हें दक्षिणा भी दें।
राम नवमी का महत्व
राम नवमी का दिन भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि । दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है
इस दिन विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री राम की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है ।
भक्तों के जीवन से सभी कष्ट कट जाते हैं।
इस दिन पूजा अर्चना करने से राम जी के साथ आदिशक्ति मां जगदम्बा की कृपा भी प्राप्त होती है।