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Presidential Election: विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने किया नामांकन, राहुल-पवार-खड़गे समेत कई नेता मौजूद

Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। विपक्ष ने इस दौरान अपनी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश की है। यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) के नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए शरद पवार, राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव मौजूद रहे।

वहीं, कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए तो वहीं समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव पूरी प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहे। इसके अलावा, रालोद के जयंत चौधरी समेत एन के प्रेमचंद्रन (आरएसपी), फारूक अब्दुल्ला (नेकां), ए राजा टी शिवा (डीएमके), डी राजा (भाकपा), केटी राव (टीआरएस) और नामा नागेश्वर राव (टीआरएस) भी मौजूद रहे।

आइये समझते हैं क्या कहता है समीकरण…

राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में यूपीए (UPA)के पास संख्या ऐसे तो बहुत कम है लेकिन विपक्षी नेताओं ने दावा करते हुए कहा कि उनके उम्मीदवार को कम आंका ना जाए। बता दें, एनडीए (NDA) का पलड़ा शुरुआत से भारी दिख रहा है। वोट की संख्या पर नज़र डालें तो NDA के पास कुल मिलाकर 5.26 लाख वोट हैं जो कुल वोटों का लगभग 49 फीसदी है।

वहीं, एनडीए (NDA) को जीत के लिए एक प्रतिशत के मार्क को बढ़ाना है जिसके लिए ये किसी बाहरी पार्टी का स्पोर्ट जारी है। वैसे बीजेडी (BJD) और बीएसपी (BSP) ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में एनडीए (NDA) उम्मीदवार का जीतना लगभग तय हो गया है।

यशवंत सिन्हा का राजनीतिक दौर

बता दें, यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) का जन्म पटना के एक कायस्थ परिवार में 6 नवंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक बतौर शिक्षक काम किया है। वहीं, यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) ने 1986 में जनता पार्टी ज्वाइन की और उन्हें पार्टी का महासचिव पद दिया गया। वह 1988 में पहली बार राज्यसभा सदस्य के लिए चुने गए।

वहीं, 1989 में पार्टी का जनता दल से गठबंधन होने के बाद उन्हें पार्टी का महासचिव बनाये जाने की घोषणा की गई। यशवंत 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं फिर वो 1998 से साल 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे। उन्होंने 2002 में विदेश मंत्रालय का पद भी संभाला। यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) ने 2009 को भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. साल 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी में शामिल हो गए।

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