राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2020 (राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार) का वितरण किया। इसके तहत कुल 22 बच्चों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाले 22 बच्चों में से 10 लड़कियां और 12 लड़के हैं।
सम्मानित वीर बच्चों में 2 जम्मू कश्मीर और एक कर्नाटक का किशोर है। कर्नाटक में भीषण बाढ़ के दौरान एंबुलेंस को रास्ता बताने पर इस बालक, वेंकटेश को सम्मानित किया गया है। कुपवाड़ा निवासी 16 वर्षीय सरताज मोहिदन बडगाम के 19 वर्षीय मुदासिर अशरफ को कश्मीर में साहसी कारनामे के लिए वीरता के इस सम्मान के लिए चुना गया।
इसके अलावा केरल के एक वीर बालक 16 वर्षीय मुहम्मद मुहसीन को मरणोपरांत यह सम्मान मिला है। पिछले वर्ष के अप्रैल माह में समुद्र में खराब मौसम के कारण खतरे में फंसे अपने तीन मित्रों की जान बचाई थी लेकिन वह अपनी जान नहीं बचा सका और उसकी मौत हो गई।
भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) ने मंगलवार को ही इस सम्मान के लिए 10 लड़कियों और 12 लड़कों के नामों का ऐलान किया था। हर वर्ष गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी के पहले वीर बच्चों को सम्मानित किया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1957 में भारतीय बाल कल्याण परिषद ने की थी। इस सम्मान के तौर पर एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। इस पुरस्कार के तहत सामान्य सम्मान भी दिया जाता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है।
चयनित बच्चों को स्नातक तक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती है। साथ ही इंजीनियरिंग व मेडिकल की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है।