पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद प्रयागराज में शुक्रवार को नमाज के जबर्दस्त उपद्रव हुआ था। इस उपद्रव के मुख्य आरोपी जावेद पंप के घर पर आज योगी का बुलडोजर चल रहा है। वहीं इस साजिश की कड़ी जेएनयू से भी जुड़ रही है। असल में जावेद पंप की बेटी जेएनयू में पढ़ती है। यह बात सामने आने के बाद पुलिस इसे सीएए के विरोध से भी जोड़कर देख रही है। गौरतलब है कि सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान जेएनयू की भूमिका सामने आई थी।
जावेद को सलाह देती है बेटी
बताया जा रहा है कि जेएनयू में जावेद की बेटी की पढ़ाई के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस और ज्यादा अलर्ट हो गई है। आजतक के मुताबिक जावेद की बेटी उसे सलाह देने का काम करती है। ऐसे में पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है शुक्रवार को हुई हिंसा में जावेद की बेटी की क्या भूमिका है। गौरतलब है कि जावेद पंप के ऊपर आरोप है कि उसने ही लोगों को हिंसा और उपद्रव के लिए उकसाया था। पुलिस को जावेद के मोबाइल से इस बारे में अहम सुबूत भी मिले हैं।
चल रहा है बुलडोजर
जावेद की संदिग्ध भूमिका मिलने के बाद उसके घर बुलडोजर चल रहा है। इससे पहले पीडीए ने नोटिस चस्पा करके 11 बजे तक घर खाली करने की वॉर्निंग दी। हालांकि इसके बाद भी घर खाली नहीं किया गया तो वहां पहुंचे बल ने सामान निकालकर बाहर फेंक दिया। बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज में जबर्दस्त हिंसा और उपद्रव हुआ था। इस दौरान जमकर पत्थर चले थे। इसमें कई पुलिसवाले भी घायल हो गए थे। वहीं एडीजी का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
64 उपद्रवी भेजे गए नैनी जेल
इस बीच यहां जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और बवाल के मामले में गिरफ्तार किए गए 68 उपद्रवियों को प्रयागराज पुलिस ने शनिवार शाम जिला कोर्ट में पेश किया, ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के बाद इनमें से 64 उपद्रवियों को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया है, जबकि चार नाबालिग उपद्रवियों को कोर्ट ने बाल संप्रेक्षण गृह खुल्दाबाद भेजने का आदेश दिया है.
एसएसपी अजय कुमार के मुताबिक पुलिस ने पुख्ता लिखा पढ़ी करके सबूतों के साथ उपद्रवियों को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद कोर्ट ने किसी भी उपद्रवी की जमानत मंजूर नहीं की और अपराध की गंभीरता को देखते हुए ही उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया है. एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि पुलिस अभी भी वीडियो और फुटेज के आधार पर आरोपियों के खिलाफ उपद्रवियों को चिन्हित करने की कोशिश कर रही है, ताकि उनके ऊपर प्रभावी कार्यवाही की जा सके.