पंजाब में कांग्रेस सरकार बनाने का फॉर्मूला तय, सुनील जाखड़ बन सकते हैं CM, 2 डिप्टी सीएम भी

कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के इस्तीफे के बाद पंजाब में कौन बनेगा कांग्रेस का नया सीएम (Punjab New CM) इसको लेकर अटकलें जारी हैं. शनिवार को हुई विधायक दल की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को फैसला लेने का अधिकार दे दिया गया है. इस बीच, सूत्रों के मुताबिक पंजाब में सरकार बनाने का फॉर्मूला तय कर लिया है. बताया जा रहा है कि सुनील जाखड़ को सीएम बनाया जा सकता है जबकि दो डिप्टी सीएम बनाए की खबर है.

सूत्रों ने बताया कि एक डिप्टी सीएम दलित समुदाय से जबकि एक डिप्टी सीएम सिख समुदाय से हो सकता है. दलित डिप्टी सीएम की रेस में पूर्व कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वरिष्ठ विधायक राजकुमार वेरका का नाम आगे चल रहा है. सिख डिप्टी सीएम की रेस में कैप्टन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे चल रहा है.

अमरिंदर के इस्तीफे के बाद कई नाम सीएम पद की रेस में सामने आए हैं. सुनील जाखड़ (Sunil Kumar Jakhar ) का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. हालांकि, सूत्र ये बता रहे हैं कि अंतिम क्षणों में कांग्रेस भी बीजेपी की तरह चौंका सकती है. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील चार साल तक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनकी पार्टी के सभी विधायकों पर अच्छी पकड़ भी है. ऐसे में वह इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह अब जो चेहरा सीएम पद पर बैठेगा, 2022 का विधानसभा चुनाव उसकी अगुवाई में नहीं लड़ा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को बतौर सीएम आगे नहीं करना चाहती और ना ही सिद्धू चुनाव से ठीक पहले खुद सीएम बनना चाहते हैं. पार्टी और सिद्धू नहीं चाहते कि सिद्धू पर आरोप लगे कि उनकी वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पद छोड़ना पड़ा और साथ ही सिद्धू आने वाले विधानसभा चुनाव में बतौर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष आलाकमान को परफॉर्मेंस दिखाना चाहते हैं.

इसके अलावा राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा का नाम भी सीएम की रेस में शामिल है. कभी अमरिंदर सिंह के दोस्त रहे बाजवा के रिश्ते बाद में कैप्टन से खराब हो गए थे. बाजवा ने राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में वह डार्क हॉर्स हो सकते हैं. क्योंकि कैप्टन और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच अभी विवाद थमा नहीं है. कैप्टन ने इस्तीफा देने के बाद साफ-साफ कह दिया है कि वह सिद्धू के सीएम बनने का विरोध करते हैं. उनका रिश्ता पाकिस्तान के PM से है और वह राज्य का बंटाधार कर देंगे.

इस बीच, सिद्धू खेमा भी अपनी पूरी तैयारी में जुटा है. सिद्धू कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अपने करीबी विधायकों के साथ रणनीति बनाने में जुटे हैं. पंजाब के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर सुखजिंदर सिंह रंधावा को सिद्धू खेमा ‘केयरटेकर’ सीएम बनाने की जुगत में जुटा है. ताकि चुनाव होने तक सिद्धू कैंप के पास ताकत बनी रहे. इधर, कांग्रेस पार्टी वोट बैंक का भी पूरा ध्यान रखते हुए कोई फैसला करना चाहती है. राज्य में बड़ी संख्या में हिंदू वोटर भी हैं.

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