पंजाब और महाराष्ट्र को-आपरेटिव(पीएमसी) बैंक में जमा पैसे निकालने की समय सीमा तय किए जाने के बाद खाताधारकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शन के दौरान एक खाताधारक संजय गुलाटी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
संजय के परिवार के 90 लाख रुपये पीएमसी बैंक में फंसे हैं। संजय की पहले जेट एयरवेज से नौकरी चली गई थी, और अब सभी जमा पूंजी फंस गई। जिसकी वजह से वह काफी परेशान हो गए थे और वह पीएमसी घोटाले का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए। सोमवार को संजय गुलाटी कोर्ट के सामने प्रदर्शन में भी शामिल थे। लेकिन दोपहर को जब वह घर आए तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।
वहीं, दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक ने घोटाले में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक के बचत खाताधारकों के लिए छह माह में निकासी की सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी। यह तीसरी बार है जबकि रिजर्व बैंक ने पीएमसी के ग्राहकों के लिए प्रति खाता निकासी की सीमा बढ़ाई है। केंद्रीय बैंक ने 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगाई थी। उसी समय प्रति ग्राहक छह माह में केवल 1,000 रुपये निकासी की सीमा तय की गई थी। केंद्रीय बैंक के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि बैंक की नकदी की स्थिति की समीक्षा के बाद इस सीमा को और बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस कदम के बाद पीएमसी बैंक के करीब 77 प्रतिशत जमाकर्ता अपने खाते से समूची जमा राशि निकाल सकेंगे।
वहीं, इसके अलावा मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले मामले में सोमवार को हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश वाधवन तथा उनके बेटे सारंग और बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह की पुलिस हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी। सैकड़ों की संख्या में जमाकर्ता इस मामले को ‘सफेदपोश अपराध’ ठहराते हुए अदालत के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अपना पैसे जल्द से जल्द वापस पाने की मांग कर रहे हैं। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को सोमवार को महानगर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया है।