प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कहा – खेलब ना खेले देइब… खेल बिगाड़ब

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए PM नरेंद्र मोदी आज जब लोकसभा में बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने किसान आंदोलन की भी चर्चा की। पीएम ने कहा कि किसान अफवाहों का शिकार हुए हैं तो विपक्ष खासतौर से कांग्रेस के सदस्यों ने काफी हंगामा किया। बाद में पीएम ने कहा कि किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है। उन्होंने किसानों से कहा कि आइए टेबल पर बैठकर बात कीजिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तोड़फोड़ करने से आंदोलन कलंकित होता है। पंजाब में टेलिकॉम के टावरों को तोड़ा जा रहा है। आखिर इन टावरों को तोड़ने का किसान आंदोलन से क्या संबंध है। देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क को समझना होगा।

  • पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, एक पुरानी कहावत है खेलब ना खेले देइब, खेलिए बिगाड़ब। आज प्रगति के चक्‍के को रोकने के लिए यही चल रहा है। विपक्ष इसी मंत्र पर काम कर रहा है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश का सामर्थ्य बढ़ाने में सभी का सामूहिक योगदान है। जब सभी देशवासियों का पसीना लगता है, तभी देश आगे बढ़ता है। देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है। आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण काम जो हमने किया है वो यही 10,000 FPOs बनाने का। ये छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं। महाराष्ट्र में FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है। केरल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग काफी मात्रा में FPO बनाने के काम में लगे हुए हैं। ये 10,000 FPOs बनने के बाद छोटे किसान ताकतवर बनेंगे, ये मेरा विश्वास है।
  • पीएम मोदी बोले- कृषि क्षेत्र में जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलती-फिरती एक कोल्ड स्टोरेज है। सरदार पटेल करते थे कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यदि परतंत्रता की दुर्गंध आती रहे, तो स्वतंत्रता की सुगंध नहीं फैल सकती। जब तक हमारे छोटे किसानों को नए अधिकार नहीं मिलते तब तक पूर्ण आजादी की उनकी बात अधूरी रहेगी।
  • प्रधानमंत्री जी के जवाब में हमने बहुत चीजों की अपेक्षा की थी। उन्होंने ये कह दिया कि इससे (कृषि क़ानून) किसी को लाभ हो सकता है किसी को हानि भी हो सकती है। परन्तु सभी के लाभ के लिए क़ानून लाना चाहिए था: अधीरंजन चौधरी, लोकसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर
  • पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में कृषि को आधुनिक बनाना जरूरी है। बाजार के मुताबिक कृषि क्षेत्र में उत्‍पादन हो इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। छोटे किसानों को अधिकार मिलने चाहिए। कोई नहीं चाहता कि किसान गरीबी के दुष्‍चक्र में फंसा रहे।
  • पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है। हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं। हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
  • नए कृषि कानून राजनीति का विषय नहीं… यह देश की भलाई के लिए। 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच नहीं चल सकती। किसानों को एक लंबी यात्रा के लिए तैयार होना होगा। हमने बीज से लेकर बाजार तक की व्‍यवस्‍था बदली है। सरकार की मंशा लोक कल्‍याण की है।
  • लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश की जरूरत के मुताबिक फैसले लिए जाने चाहिए। नए कृषि कानूनों के तौर पर किसानों को एक वैकल्पिक व्‍यवस्‍था मिली है। इरादा नेक हो तो परिणाम अच्‍छे मिलते हैं। नए कृषि कानून किसानों के लिए बंधनकारी नहीं हैं।
  • पीएम मोदी ने कहा कि कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है।
  • कांग्रेस सदस्‍यों के वॉकआउट के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन जारी। पीएम मोदी ने कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ। ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने नए कृषि कानूनों पर कहा कि हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। ये देश देशवासियों का है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है।

वहीं लोकसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर अधीरंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के जवाब में हमने बहुत चीजों की अपेक्षा की थी। उन्होंने ये कह दिया कि इससे (कृषि क़ानून) किसी को लाभ हो सकता है किसी को हानि भी हो सकती है। परन्तु सभी के लाभ के लिए क़ानून लाना चाहिए था।

  • पीएम मोदी के संबोधन के दौरान फिर हंगामा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की यह हालत हो गई है कि राज्‍य सभा में उसका एक चक्‍का एक ओर चलता है तो लोकसभा में उसका दूसरा चक्‍का दूसरी ओर…
  • प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा कि मैंने देखा कि यहां कांग्रेस के साथियों ने कृषि क़ानूनों पर चर्चा की, वो रंग पर तो बहुत चर्चा कर रहे थे कि काला है या सफेद है, परन्तु अच्छा होता अगर वो इनके इंटेंट पर और इसके कंटेंट पर चर्चा करते।
  • पीएम मोदी ने कहा कि कोरोन संकट काल में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है। हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे। हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं। इस कोरोना काल में तीन कृषि कानून भी लाए गए।
  • पीएम मोदी ने कहा कि ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है और बरसों से जो हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, उसको बाहर लाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने एक ईमानदारी से प्रयास किया भी है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, हंगामा करके उसे मजबूत करें ताकि कहीं उसका पर्दाफाश ना हो जाए। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अध्‍यक्ष जी यह होहल्‍ला एक सुनियोजित साजिश का नतीजा है। यह सच्‍चाई को रोकने के लिए हो रहा है। यह जो झूठ फैलाया गया है उसे प्रमाणित करने के लिए किया जा रहा है। कृषि कानूनों पर अफवाह फैलाई गई जिसका शिकार हमारे किसान भाई हुए।
  • प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कुछ कुछ विपक्षी संसद सदस्‍यों ने हंगामा किया तो पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि मुझे एक मिनट का ब्रेक देने के लिए मैं आपका आभारी हूं। आपको जहां अपनी मौजूदगी दर्ज करानी थी वहं दर्ज हो गई होगी…
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए। लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि ये हिंदुस्‍तान है जो लगभग 75 करोड़ भारतीयों को कोरोना काल के दौरान 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। कोरोना से दुनिया हिली लेकिन भारत बचा रहा। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स भगवान बनकर आए। कोरोना काल में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर भी ईश्‍वर के रूप में आया। हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा। ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है। इसका गौरवगान हमें करना चाहिए। भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसर है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिन संस्कारों को लेकर हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया। कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है। भारत ने इस आपदा में दुनिया के कई मुल्‍कों की मदद की है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए जरूरी है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें। ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है। ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद जी की बात का स्मरण करना चाहूंगा। हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुंचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नियति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ लोग ये कहते थे कि भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र है। हमने इस भ्रम को हमने तोड़ा है। लोकतंत्र हमारी रगों और सांस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा। लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा। विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट काल में देश ने अपना रास्ता चुना और आज हम दुनिया के सामने मजबूती से खड़े हैं। इस दौरान भारत सभी भ्रमों को तोड़कर आगे बढ़ा है। आत्‍मनिर्भर भारत ने एक के बाद एक कदम उठाए हैं। यही नहीं भारत ने दुनिया के बाकी देशों की भी मदद की है।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत ने एक के बाद एक कदम उठाए हैं। यही नहीं भारत ने दुनिया के बाकी देशों की भी मदद की है। देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा। लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा। विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है। विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में कही।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने संकट काल में अपना रास्‍ता चुना। हम जल्द आजादी के 75 साल पूरे करने वाले हैं। 75 वर्ष का पड़ाव गर्व करने और आगे बढ़ने का मौका होगा। आजादी के 75वें साल में हमें नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है।

पीएम ने कहा कि इस कोरोना काल में 3 कृषि कानून लाए गए। ये सुधार आवश्यक हैं। बरसों से हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा था, उससे निपटने के लिए हमने प्रयास किए हैं। यहां कांग्रेस के साथियों ने कानून के कलर पर काफी चर्चा की कि ब्लैक है कि व्हाइट है। अच्छा होता उसके कंटेंट पर चर्चा करते, अच्छा होता उसके इंटेंट पर चर्चा करते ताकि देश के किसानों तक सही चीज पहुंचती।

उन्होंने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन की ओर इशारा करते हुए कहा कि दादा ने भी भाषण दिया। लेकिन वह ज्यादातर समय इसकी बात करते रहे कि पीएम और उनके साथी बंगाल में यात्रा क्यों कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं… दादा, इस बार आपके ज्ञान से वंचित रह गए। खैर, चुनाव के बाद आपके पास मौका होगा तो…. (इस पर सत्तापक्ष के लोग हंसने लगे)।

मोदी ने आगे कहा कि जहां तक आंदोलन का सवाल है, दिल्ली के बाहर हमारे किसान भाई-बहन बैठे हैं, जो भी गलत धारणाएं बनाई गई हैं, जो अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका शिकार हुए हैं। इस पर अधीर रंजन ने विरोध किया। पीएम ने आगे कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान साथियों की भावनाओं का सदन और सरकार भी आदर करती है और करती रहेगी। इसीलिए सरकार के वरिष्ठ मंत्री पंजाब में और बाद में आंदोलन बढ़ने पर भी सम्मान भाव के साथ बातचीत कर रहे हैं।

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