नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात भारत और America के बीच आर्थिक भागीदारी का नया खाका पेश करेंगे। भारत-अमेरिका बिजनेस काउंसिल के India Ideas Summit को अपने संबोधन के दौरान PM MODI जहां बेहतर भविष्य के लिए दोनों देशों की साझेदारी पर जोर देंगे, वहीं भारत को एक आकर्षक निवेश अवसर के तौर पर पेश करने पर भी उनका फोकस होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बुधवार रात 9 बजे यूएसआईबीसी के India Ideas Summit में होने वाले संबोधन में वो एक बेहतर भविष्य निर्माण के मुद्दे पर जोर देंगे। भारत-अमेरिका बिजनेस की स्थापना के 4 साल पूरे होने पर 2 दिनी India Ideas Summit का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्चुअल शिखर बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पॉम्पियो भी मौजूद रहेंगे।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार India Ideas Summit में प्रधानमंत्री मोदी Corona संकट के बाद बदले हालात में भारत के निवेश अवसरों का खाका पेश करेंगे। गौरतलब है कि भारत बीते कुछ दिनों के दौरान बदले अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में चीन के खिलाफ उंगली उठाने वाले मुल्कों को व्यापक आर्थिक साझेदारी के लिए आकर्षित करने में जुटा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ देशों के साथ भी आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए शिखर बैठक की थी।
महत्वपूर्ण है कि इंडिया आईडिया समिट में PM MODI की आर्थिक टीम के सिपहसालार, वित्त मंत्री निर्मल सीतारमरण, वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल समेत कई लोग शरीक हो चुके हैं। समिट के दौरान वित्तमंत्री निर्मल सीतारण ने जहां भारत सरकार के हाल में घोषित आर्थिक पैकेज से उद्योग और कंपनी क्षेत्र को पहुंचाई गई राहत के बारे में बताया। वहीं, वाणिज्य मंत्री गोयल भारत और America के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने तक एक प्रिफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट किए जाने की वकालत की।
प्रधानमंत्री मोदी व राष्ट्रपति Donald Trump दोनों ही भारत और America की साझेदारी को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण भागीदार बताते आए हैं। भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों का ग्राफ बीते कुछ दशकों में काफी तेजी से बढ़ा है। दोनों मुल्कों के द्विपक्षीय कारोबार का आंकड़ा करीब 150 अरब डॉलर है। आज भारत में जहां करीब 800 अमेरिकी कंपनियां मौजूद हैं। वहीं America के सभी 50 राज्यों में भारतीयों कंपनियों की उपस्थिति है। भारतीय कंपनियों ने America में बीते कुछ सालों के दौरान करीब डेढ़ अरब डॉलर का निवेश किया है और लगभग 70 हजार अमेरिकियों को रोजगार भी दिए हैं।