देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों देशों की सीमा से माल की आवाजाही को सुचारु बनाने के वास्ते एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) का शुभारंभ किया है। इसके साथ उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में ऐसी और भी सुविधाएं शुरू की जाएंगी।
मोदी नई दिल्ली से और ओली काठमांडू से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। दोनों नेताओं ने 2015 में भूकंप के बाद घरों के पुनर्निर्माण की परियोजना में प्रगति की भी समीक्षा की है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं विदेश सचिव विजय गोखले भी इस मौके पर पीएम मोदी के साथ उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि नेपाल के चहुंमुखी विकास में उसकी प्राथमिकताओं के अनुसार भारत एक विश्वसनीय साझीदार की भूमिका अदा करता रहा है। ‘पड़ोसी प्रथम’ उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है और सीमा पार कनेक्टिविटी को बढ़ाना इस नीति का एक प्रमुख ध्येय है। पड़ोस में सारे मित्र देशों के साथ आवागमन को सरल और सुचारु बनाने और हमारे बीच व्यापार, संस्कृति, शिक्षा, इत्यादि क्षेत्रों में संपर्क को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।
उन्होंने ये भी कहा कि भारत और नेपाल के सम्बन्ध सिर्फ पड़ोसियों के ही नहीं हैं। इतिहास और भूगोल ने हमें प्रकृति, परिवार, भाषा, संस्कृति, प्रगति और न जाने कितने धागों से जोड़ा है। इसलिए हम दोनों देशों के बीच अच्छी कनेक्टिविटी हमारे जीवन को और नज़दीक से जोड़ती है और हमारे दिलों के बीच नए रास्ते खोलती है। कनेक्टिविटी न सिर्फ देश के बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए एक उत्प्रेरक का काम करती है।
आगे कहा कि पिछले पांच महीनों में हम दूसरी बार दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय परियोजनाओं का उद्घाटन वीडियो लिंक द्वारा कर रहे हैं। यह भारत-नेपाल संबंधों के विस्तार और तेज विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल कई सीमापार कनेक्टिविटी परियोजनाएं जैसे रोड, रेल और पारेषण लाइनों पर काम कर रहे हैं। हमारे देशों के बीच सीमा के प्रमुख स्थानों पर एकीकृत जांच चौकियां आपसी व्यापार और आवागमन को बहुत सुविधाजनक बना रही हैं।
इसी तरह आईसीपी बनाने के प्रथम चरण में हमने बीरगंज और बिराटनगर में आईसीपी के विकास का निर्णय लिया था। बीरगंज की आईसीपी का हमने 2018 में उद्घाटन किया। अब विराटनगर में भी आईसीपी का शुरू हो जाना बहुत हर्ष का विषय है। भारत की ओर रक्सौल और जोगबनी में पहले से ही यह सुविधा उपलब्ध है