No trust vote in Pakistan

Political Crisis in Pakistan: पाकिस्‍तान में उफान पर सियासी तपिश,अब गठबंधन सहयोगी ने छोड़ा साथ

पाकिस्‍तान (Pakistan) में सियासी तपिश पूरे उफान पर है। विपक्ष इमरान खान (Imran Khan) की सरकार को उखाड़ फेंकने पर आमादा है। मुश्किल में फंसे इमरान खान (Imran Khan) के सहयोगी भी उनका साथ छोड़ने लगे हैं। सत्‍तारूढ़ पीटीआइ की सहयोगी जम्हूरी वतन पार्टी (Jamhoori Watan Party, JWP) ने भी सरकार का साथ छोड़ दिया है। जम्हूरी वतन पार्टी के प्रमुख शाहजैन बुगती (Shahzain Bugti) ने इमरान की रैली से ऐन पहले सरकार से अलग होने की घोषणा की।
बिलावल भुट्टो के साथ बैठक के बाद लिया फैसला

शाहजैन बुगती (Shahzain Bugti) ने कहा कि वह विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। पाकिस्‍तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक शाहजैन बुगती बलूचिस्तान में सुलह और सद्भाव को लेकर इमरान खान (Imran Khan) के विशेष सहायक के रूप में कार्यरत थे। एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्‍होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ बैठक के बाद पद से इस्तीफा दे दिया।
50 मंत्री भी ‘लापता’

इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान (Pakistan) तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआइ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) 28 मार्च को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है। पीटीआई के कई सदस्‍य भी पीएम इमरान खान ( PM Imran Khan) के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। आलम यह है कि सत्ताधारी दल के कम से कम 50 मंत्री भी ‘लापता’ हो गए हैं। सत्‍ता पक्ष में लगातार हो रही बगावत को देखकर विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। विपक्ष को भरोसा है कि उसके अविश्‍वास प्रस्ताव के चलते इमरान खान की सरकार गिर जाएगी।
क्‍या कहता है बहुमत का गणित

बता दें कि 42 सदस्‍यों वाली पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में बहुमत का आंकड़ा 172 है। इसमें इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 179 सदस्यों का समर्थन हासिल कर के सरकार बनाई थी। इमरान खान (Imran Khan) की पीटीआई के 155 सदस्य थे जिसमें से अब कई बागी हो चुके हैं। यही नहीं चार प्रमुख सहयोगी दलों ने भी सरकार बनाने में इमरान खान का साथ दिया था।
सहयोगियों का साथ छूटने से बढ़ा संकट

सरकार बनाते वक्‍त मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) ने इमरान का साथ दिया था। इन सहयोगी दलों के क्रमशः 7, 5, 5 और 3 सदस्य हैं। अब इमरान खान के चार सहयोगियों में से तीन दलों एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। इससे इमरान की सरकार पर संकट बढ़ गया है।

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1