पाकिस्तान में एक बार फिर पानी की किल्लत को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। पानी की समस्या को लेकर Pakistan में सियासत शुरू हो गई है। यह कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के लिए आज सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद नहीं, बल्कि पानी की कमी है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक हालिया रिपोर्ट में Pakistan में पसरते गंभीर जल संकट की तरफ ध्यान दिलाया था।
हाल में पाकिस्तान में बिजली और जल विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष शमसुल मुल्क का कहना है कि Pakistan में पानी को लेकर तो कोई नीति ही नहीं है। उन्होंने कहा था कि Pakistan में पानी जमींदारों की जागीर बन गया है और आम लोगों को उससे महरूम रखा जा रहा है। Pakistan में जल और बिजली मंत्रालय के आग्रह पर एक रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन कैबिनेट ने कभी इसकी समीक्षा ही नहीं हो सकी।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते समस्या का हल नहीं किया गया तो Pakistan में पानी की कमी से अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार कम वर्षा के कारण देश की नदियों के सूखने से खतरे की घंटी बज गई है। सूत्रों के अनुसार देश में प्रतिव्यक्ति पानी की उपलब्धता बहुत ही कम या कह सकते हैं कि खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है।
भूमिगत जल 6 सौ फीट तक नीचे उतर गया
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तो भूमिगत जल छह सौ फीट तक नीचे उतर गया है। यहां पूर्व में मात्र 50 फीट दूरी पर ही भूमिगत जल था। हर साल खरीफ और रबी की फसल में 45 फीसद तक पानी की कमी रहती है। विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि समय रहते नए जलाशयों का निर्माण और पानी की बर्बादी नहीं रोकी गई, तो हालात अकाल तक पहुंच जाएंगे। हाल में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सिंध के सचिव अजीज धामरा ने चेतावनी दी थी कि राज्य के धान उत्पादक इलाके में यदि किसानों को पानी का इंतजाम नहीं हुआ तो फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसके चलते पाकिस्तान में अनाज का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। पत्रकारों से बात करते हुए धामरा ने कहा था कि Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के अधिकारी अपनी जनविरोधी और खराब नीतियों के जरिये हमेशा सिंध को पीछे ले जाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि अक्षम शासकों के पास कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और देशभर में कृषक समुदायों को राहत प्रदान करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सिंध के लोग संघीय सरकार द्वारा बनाए गए कृत्रिम जल संकट के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू करने के लिए तैयार हैं। धामरा ने कहा कि देश पर थोपी गई शासकों की आत्मकेंद्रित नीतियों और क्षेत्रों में जल संकट के कारण कृषि क्षेत्र को पहले ही बहुत नुकसान हुआ है, जो कई जिलों में किसानों के लिए विनाश का कारण बनेगा।
पाक अब अपने यहां प्रशिक्षित किए आतंकवादियों से ही जूझ रहा है। अफगानिस्तान सीमा पर वजीरिस्तान के निकट पाकिस्तानी तालिबान के आतंकियों ने 3 सैनिकों को मार दिया।