सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है, जिसमें भारत में 10 लाख लोगों पर व्हाट्सएप भुगतान सेवा के कथित प्रयोग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है। गैर-सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमेटिक चेंज’ (CASC) ने अदालत से कहा कि whatsApp अब भी नियमों का पालन नहीं कर रहा है। इससे पहले संगठन ने शीर्ष अदालत से संपर्क कर दावा किया था कि whatsApp ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के परिपत्र का पूरी तरह पालन नहीं किया है, जिसमें डेटा के स्थानीयकरण की बात कही गयी है।
इसमें कहा गया कि RBI के अनुसार, whatsApp डेटा स्थानीयकरण का पालन नहीं कर रहा है, लेकिन फिर भी 10 लाख उपभोक्ताओं अपनी भुगतान सेवा प्रणाली का प्रयोग जारी रखे हुए है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि RBI के डेटा स्थानीयकरण नियमों के पूर्ण अनुपालन के बारे में संदेश आदान-प्रदान एप द्वारा इस अदालत को रिपोर्ट न सौंपे जाने के बावजूद और भी उपभोक्ताओं पर whatsApp भुगतान क्रियान्वित किया जायेगा।
याचिका में कहा गया कि 10 लाख भारतीयों का वित्तीय और अन्य व्यक्तिगत संवेदनशील डेटा भारत से बाहर नहीं रखा जा सकता। whatsApp ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि वह अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण कर रहा है और पूर्ण सेवा की शुरुआत करने से पहले आरबीआई के नियमों का पालन करेगा। केंद्र ने कहा था कि whatsApp डेटा स्थानीयकरण का पालन नहीं कर रहा है, जो RBI के शपथपत्र से स्पष्ट है।