छोटे शहर का लड़का, जिसे अंग्रेजी भी नहीं आती थी….और अब ला रहा है देश का सबसे बड़ा आईपीओ

Paytm देश के सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऐप्स में से एक है. यह डिजिटल भुगतान के लिए लोगों का पसंदीदा ऐप बन चुका है. ज्यादातर लोगों के स्मार्टफोन में आपको यह ऐप मौजूद मिल जाएगा. अब इस कंपनी का IPO भी आ रहा है. यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत करने वाले व्यक्ति विजय शेखर शर्मा एक छोटे शहर के बेहद साधारण परिवार से आते हैं. एक समय था जब उनकी जेब में सिर्फ 10 रुपये मौजूद रहते थे.

ये कामयाबी उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं थी. विजय शेखर शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आते हैं. वे केवल 14 साल के थे, जब उन्होंने 12वीं कक्षा पास की थी, जो एक उपलब्धि थी. उनके पिता एक स्कूल में अध्यापक और आदर्शवादी व्यक्ति थे. वे अतिरिक्त कमाई के लिए ट्यूशन पढ़ाते थे. वे छोटे शहर को छोड़कर दिल्ली आए और यहां उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया.

यहां उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें अंग्रेजी पढ़नी और लिखनी नहीं आती थी. उन्होंने अलीगढ़ में अपनी स्कूली शिक्षा हिंदी में ही पूरी की थी. उन्होंने किताबों, पुरानी मैगजीन और अपने दोस्तों की मदद से अंग्रेजी को सीखना शुरू किया. वे इतने अच्छे से अंग्रेजी को सीख गई, जितना उनके साथ पढ़ने वाले कम छात्र ही जानते थे. इसके लिए वे एक ही किताब के हिंदी और अंग्रेजी वर्जन को एकसाथ में पढ़ते थे.

हालांकि, इसमें समय लगा. हमेशा क्लास के टॉप रहने वाले शर्मा दूसरों से पीछे रहने लगे. एक समय पर वे इतना परेशान हो गए थे, कि उन्होंने कॉलेज जाना ही छोड़ दिया. उन्होंने कॉलेज के इस समय पर एक एंटरप्रेन्योर बनने में इस्तेमाल किया. वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी जाना चाहते थे, लेकिन वित्तीय संसाधनों में कमी और अंग्रेजी की चुनौतियों की मदद से नहीं कर सके. उन्होंने कोड करना खुद सीखा. अपने कॉलेज के साथियों के साथ मिलकर कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की. इसे कुछ बड़े न्यूज पब्लिकेशन ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. उन्होंने इस समय एक मल्टी नेशनल कंपनी में अपनी पहली नौकरी की भी शुरुआत की. हालांकि, उन्होंने छह महीनों बाद वह नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्तों के साथ खुद की कंपनी बनाई.

शर्मा ने अपने कॉलेज की परीक्षाएं भी पास कर लीं. यह उनकी जिंदगी का सबसे मुश्किल समय भी था. जिन सहयोगियों के साथ उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया था, उन्होंने शर्मा को दिवालिया छोड़ दिया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

शर्मा ने 2000 में पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 की शुरुआत की. उन्होंने इंटरनेट के तीन बेसिक पर काम किया- कंटेंट, एडवरटाइजिंग और कॉमर्स. उन्होंने साल 2010 में पहली बार पेमेंट इकोसिस्टम का आइडिया रखा. लेकिन कंपनी का बोर्ड उसने सहमत नहीं था. उन्होंने अपनी इक्विटी का एक फीसदी, जो 2011 के समय करीब 15 करोड़ रुपये थे, उसे रखा. और कहा कि वेबसाइट शुरू करें. अगर नुकसान होगा, तो वे जिम्मेदारी लेंगे. इसी विश्वास के साथ उन्होंने Paytm यानी Pay Through Mobile की शुरुआत की. और कंपनी आज दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है.

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