उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) की सरगर्मी तेज हो चुकी है। यहां इस वक्त लोगों के जेहन में आरक्षित और अनारक्षित सीटों (up panchayat election 2021) को लेकर सवाल उठ रहे हैं जिसका जवाब वे जानना चाहते हैं। उम्मीदवार ऐसी सीटों के बारे में जानना चाहते हैं कि जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है या अनारक्षित है, आने वाले चुनाव के लिए वह सीट किस वर्ग के लिए तय की जाएगी।
इस सवाल का जवाब मिलने के बाद गांव में उम्मीदवार तय किया जाएगा। यही वजह है कि कई संभावित उम्मीदवार अभी तक खुल कर चुनाव प्रचार करते नहीं दिख रहे हैं। उम्मीदवारों को यह डर सता रहा है कि यदि आरक्षण में गांव किसी खास जाति के लिए आरक्षित हो गया तो उनकी मेहनत तो बेकार जाएगी ही साथ में पैसा भी बर्बाद हो जाएगा।
कुछ दिन पूर्व प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ऐसे कुछ संकेत दिये हैं जिसके बाद उम्मीदवार चुनाव प्रचार की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। दरअसल उन्होंने संकेतों में बताया कि क्षेत्र व जिला पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा होने पर नये सिरे से आरक्षण तय करने का काम किया जा सकता है।
क्या कहा भूपेन्द्र सिंह ने : पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नये सिरे से आरक्षण तय करने का काम किया गया था। लेकिन पिछले पांच चुनावों से जिला व क्षेत्र पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण जारी है। आगे उन्होंने साफ कहा कि जिला व क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की सीटों का आरक्षण नये सिरे से तय किया जा सकता है।
कब होंगे चुनाव : पिछले दिनों भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव समय से कराना सरकार की प्राथमिकता है। अनुमान है कि चुनाव मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में करा लिये जाएंगे। आगे 21-21 दिन की अधिसूचना पर जिला पंचायतों के अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों का चुनाव संपन्न कराने का काम किया जाएगा।
10 जनवरी को बैठक: पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 10 जनवरी को इस संबंध में एक अहम बैठक होने जा रही है।