पाकिस्तान (Pakistan) की संसद में एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ। इमरान खान के मंत्री शिबली फराज (Shibli Faraz) ने जहां विपक्ष पर सभापति और उपसभापति चुनाव के दौरान पोलिंग बूथ में कैमरे लगाने का आरोप लगाया। वहीं, विपक्ष ने इसे सरकार की साजिश करार दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि खुफिया चीनी कैमरे को पोलिंग बूथ के अंदर जासूसी के लिए लगाया गया था। विपक्ष के मुताबिक, मतदान की गुप्त प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए सरकार ने कैमरों का सहारा लिया है।
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर (Mustafa Nawaz Khokhar) ने दावा किया है कि पोलिंग बूथ के अंदर खुफिया चीनी कैमरा लगाया गया था। PML-N के सीनेटर मुसादिक मलिक ने भी कहा कि सीनेट के पोलिंग बूथ के अंदर सीक्रेट कैमरा लगा हुआ था। PPP के सांसद ने कहा कि उन्होंने और PML नेता ने पोलिंग बूथ के ठीक ऊपर खुफिया कैमरा लगा पाया, जो दर्शाता है कि सरकार किस ढंग से काम कर रही है।
पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यदि जासूसी कैमरे लगाए गए होते, तो किसी को पता भी नहीं चलता। चौधरी ने कहा, ‘जासूसी कैमरों को पकड़ना आसान नहीं होता, संभव है कि सांसदों ने CCTV को खुफिया कैमरा समझ लिया हो’। गौरतलब है कि पाकिस्तान सीनेट में शुक्रवार को 48 नव-निर्वाचित सदस्यों की शपथ के बाद गुप्त मतदान के माध्यम से सभापति और उपसभापति का चुनाव कराया गया है। हालांकि, कैमरों की खबर सामने आने के बाद अब इस मतदान को गुप्त नहीं माना जा रहा है।
सदन में जैसे ही विपक्षी सदस्यों ने कैमरे का खुलासा हुआ, हंगामा शुरू हो गया, सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि सीनेट किसके नियंत्रण में है। हंगामे और विरोध के बाद जब चुनाव अधिकारी ने पोलिंग बूथ बदलने का आदेश दिया, तब कहीं जाकर स्थिति सामान्य हुई। जानकारों का मानना है कि सीनेट चुनाव में इस्लामाबाद सीट से पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की जीत से इमरान खान (Imran Khan) सखते में हैं। गिलानी को उनकी पार्टी के कुछ सांसदों ने भी वोट दिए थे, लिहाजा संभव है कि अपने सदस्यों पर नजर रखने के लिए ही इमरान ने कैमरे लगवाए हों।