पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अफगानिस्तान में ‘अपने व्यक्ति’ को सरकार का मुखिया बनाना चाहती है. CNN-News18 को सूत्रों से जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अफगानिस्तान सरकार के मुखिया के तौर पर अपने आदमी को बिठाने के लिए इस वक्त ओवरटाइम कर रही है. ISI चीफ फैज हामिद ने बीते शनिवार को काबुल की यात्रा कर तालिबान लीडरशिप से मुलाकात की थी. तालिबान अपनी सरकार का ऐलान जल्द कर सकता है.
अफगानिस्तान में पाकिस्तान अपनी सेना की मजबूत उपस्थिति भी चाहता है. पाक की इच्छा है कि अफगान आर्मी का फिर से गठन किया जाए. सूत्रों का कहना है कि ISI चीफ की काबुल यात्रा इसी मुद्दे पर थी. सूत्रों ने यह भी बताया है कि पाकिस्तान ने तालिबान को इसी शर्त पर मदद की थी कि वह अफगानिस्तान में अपनी पसंद की सेना बनाएगा.
सूत्रों के मुताबिक- पाकिस्तान को अपने पसंद की सेना सिर्फ हक्कानी के साथ मिल सकती है. काबुल में ISI चीफ ने हामिद करजई, अब्दुल्ला अब्दुल्ला और गुलुबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी. पाकिस्तान यह भी चाहता है कि करजई और अब्दुल्ला को तालिबान नई सरकार में शामिल करे, जिससे वैश्विक स्तर पर सरकार को कुछ वैधता मिल सके. हामिद करजई अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं जबकि अब्दुल्ला अब्दुल्ला देश के पूर्व चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर हैं. गुलुबुद्दीन हिकमतयार देश के पूर्व प्रधानमंत्री हैं.