ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) कोरोना महामारी के अंत का कारण बन सकता है. यह दावा वैज्ञानिकों ने अपने नये शोध में किया है. देश और दुनियाम में कोविड-19 संक्रमण (Covid-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन इन केसों से जुड़ी गंभीरता और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है इसलिए महामारी का यह दौर कम तनाव देने वाला है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की इम्युनोलॉजिस्ट मोनिका गांधी ने कहा कि, हम अब महामारी के एक अलग दौर में हैं. कोरोनावायरस (Coronavirus) आगे भी हमारे साथ रहने वाला है लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह वेरिएंट और अधिक इम्युनिटी को डेवलप करने का कारण बनेगा, साथ ही महामारी की वजह बनेगा.
नवंबर 2021 में साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चला था. तब से ही हेल्थ एक्सपर्ट्स इस वेरिएंट पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन पिछले कुछ सप्ताह के डाटा से पता चलता है कि बेहतर इम्युनिटी और वायरस के विभिन्न म्यूटेशन के कारण गंभीर लक्षण और पूर्व में हुई परेशानियां देखने को नहीं मिल रही है.
वहीं दक्षिण अफ्रीका में हुई एक स्टडी में यह सामने आया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते कोरोना की चौथी लहर में अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले 73 फीसदी कम है. यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन के वेन्डी बर्गर्स ने कहा कि यह एक बेहद मजबूत डाटा है.
हालांकि शुरुआत में ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कई म्यूटेशन होने की वजह से यह परेशानी का कारण बन सकता है लेकिन धीरे-धीरे यह आशंका दूर होती चली गई. इस वेरिएंट को लेकर हुई कई स्टडी में यह बताया गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से संक्रमित जरूर करता है लेकिन यह ज्यादा घातक नहीं है.
हॉन्गकॉन्ग में कुछ वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के दौरान कोरोना से संक्रमित एक मरीज के फेफड़ों से कुछ टिश्यू के सैंपल एकत्रित किए और यह पाया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अन्य वेरिएंट्स की तुलना में कम रफ्तार से वृद्धि करता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की इम्युनोलॉजिस्ट मोनिका गांधी ने कहा कि भले ही कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड रफ्तार से बढ़ जाएं लेकिन हमें आशा है कि अति संक्रमण और कम लक्षण से संकेत मिलता है कि यह महामारी के अंत की शुरुआत है. उन्होंने कहा कि मैं आशा करती हूं कि
ओमिक्रॉन वेरिएंट आबादी के बीच बड़ी इम्युनिटी को स्थापित करे.