यदि आप ऑफिस में काम करते हैं और काम करते हुए मानसिक रूप से थक जाते हैं तो ब्रेक मिलने पर आपको स्मार्टफोन से दूर रहना चाहिए। जी हां एसा करने से आप और ज्यादा थक सकते हैं। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि ब्रेक के दौरान स्मार्टफोन का उपयोग करने पर आपका दिमाग पूरी तरह से रिचार्ज नहीं हो पाता है और इसके परिणाम खराब हो सकते हैं।
डालते हैं नजर इस बुरी आदत के दुष्परिणामों पर
इस अध्ययन में कॉलेज जाने वाले 410 छात्रों को शामिल किया गया और उन्हें शब्द पहेली के 20 सेट हल करने को दिए गए। इस काम के बीच में उनमें से कुछ को स्मार्टफोन का उपयोग करने के लिए थोड़ी देर का ब्रेक दिया गया। कुछ लोगों को पेपर और कंप्यूटर पर काम करने के लिए ब्रेक दिया गया और कुछ लोगों को ब्रेक नहीं दिया गया। ये चुनाव छात्रों का ही था कि किसे किस तरह का ब्रेक चाहिए।
अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन प्रतिभागियों ने फोन ब्रेक लिया उनमें मानसिक स्तर में गिरावट का सबसे उच्चतम स्तर पाया गया और वे बाद में पहेली सुलझाने में कम सक्षम थे। सबसे ज्यादा दिक्कत उनके साथ हुई जिन्होंने कोई ब्रेक नहीं लिया। फोन ब्रेक लेने वालों की हल की गई शब्द पहेली की संख्या ब्रेक न लेने वालों से थोड़ी बेहतर थी। लेकिन, बाकी अन्य से बेहद खराब थी। जिन्होंने फोन ब्रेक लिया उन्हें दूसरी तरह के ब्रेक लेने वालों की तुलना में पहेली हल करने में 19 फीसद अधिक समय लगा और वे 22 फीसद तक कम पहेलियों को हल कर सके।
रटगर्स बिजनेस स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर टेरी कुर्टबर्ग ने बताया कि आजकल काम से ब्रेक के दौरान स्मार्टफोन पर समय बिताने की प्रक्रिया आम हो गई है। उन्होंने बताया कि हर एक खाली मिनट में हमारा ध्यान स्मार्टफोन पर पहुंच जाता है। फोन हमारी व्याकुलता के स्तर को बढ़ा देता है जिससे काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है। सेलफोन का प्रभाव इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि यह कंप्यूटर या लैपटॉप जैसे अन्य माध्यमों से बिल्कुल भिन्न होता है। यहां हमें लोगों से जुड़ने, मैसेज चेक करने, नई जानकारी पाने में सरलता होती है इसलिए हम इसके लती हो जाते हैं। जो दिमाग पर बुरा असर डालती है।
वैसे यदि आप रोजाना पांच घंटे या इससे ज्यादा फोन इस्तेमाल करते हैं तो सावधान रहने की जरूरत है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ज्यादातर समय फोन पर व्यस्त रहने के चलते लोगों में मोटापे और आगे चलकर हृदय रोग का खतरा होता है। कुछ सामान्य कामों को छोड़ दें तो एक व्यक्ति दिन के 10-12 घंटे स्मार्टफोन अपने पास ही रखता है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मोबाइल फोन से पैदा होने वाले रेडिएशन की वजह से कई तरह के ट्यूमर्स और कैंसर का खतरा होता है। एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि यदि स्मार्टफोन का इस्तेमाल दिन में पांच या अधिक घंटे किया जाता है तो मोटापे का खतरा 43 फीसद तक बढ़ जाता है।