पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की मुलाकात की खबर सुर्खियों में है। खबर है कि मोदी और जिनपिंग एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं। दोनों की मुलाकात के साथ ही ये भी कयास लगाये जा रहे थे कि क्या दोनों अपनी मुलाकात में कश्मीर (Kashmir) मुद्दे पर कोई बात करेंगे लेकिन अब खबर है कि इस मुलाकात में बातचीत का अहम मुद्दा कश्मीर नहीं होगा। मतलब कि कश्मीर पर मोदी और जिनपिंग कोई बात नहीं करेंगे।
कश्मीर (Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) कश्मीर का मुद्दा लेकर कई जगह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जा चुके हैं. लेकिन हर जगह पाकिस्तान को झटका लगा है. अब तो ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान के खास दोस्त चीन ने भी इस मुद्दे पर उसका साथ छोड़ दिया है.
कश्मीर पर चर्चा नहीं
अगले कुछ दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी. चीन के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि ये पीएम मोदी और शी जिनपिंग पर निर्भर करेगा कि वो किन-किन मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं. बता दें कि दोनों नेता अगले महीने मिलने वाले हैं.
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ” मुझे नहीं लगता कि बातचीत के एजेंडे में कश्मीर शामिल होगा. इस तरह के अनौपचारिक सम्मेलन में ये दोनों नेताओं पर निर्भर करता है कि वो किन मुद्दों पर चर्चा करते हैं.”
कश्मीर बड़ा मुद्दा नहीं
प्रवक्ता हुआ के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत के लिए कश्मीर बड़ा मुद्दा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि बातचीत का असली मुद्दा कश्मीर होगा. बेहतर होगा कि दोनों नेताओं को बातचीत के लिए छोड़ दिया जाए.” बता दें कि पिछले दिनों चीन ने पाकिस्तान के साथ मिल कर कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उठाया था. लेकिन दोनों देशों की बात यहां भी नहीं सुनी गई थी.
क्या होगा बातचीत का मुद्दा
कहा जा रहा है कि दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन में मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग उसी लाइन पर बातचीत करेंगे जिस पर पिछले साल वुहान में बातचीत हुई थी. वुहान में दोनों देशों ने डोकलाम मुद्दे पर बातचीत की थी. बता दें कि यहां साल 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था.