Nitish Kumar: एनडीए में जाने पर पछताएंगे नीतीश कुमार? हो सकते हैं ये 5 बड़े नुकसान; यहां फंस सकता है पेंच

Bihar Political Crisis बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से एनडीए ज्वॉइन कर लिया है। एनडीए ज्वॉइन करते ही नीतीश कुमार महागठबंधन पर हमलावर हो गए। उन्होंने आरजेडी पर उन्हें काम नहीं करने देने का आरोप लगाया। वहीं इन सबके बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार अन्य सहयोगी दलों का दबाव झेल पाएंगे।

Bihar Political News: बिहार में एनडीए और जेडीयू की नई सरकार बन गई है। पलटी मारते हुए नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। वहीं भाजपा की तरफ से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इन गहमागहमी के बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को एनडीए में जाने पर नुकसान हो सकता है?

तो चलिए प्वॉइंट बाय प्वॉइंट समझते हैं कि एनडीए के साथ जाने पर नीतीश कुमार को कौन से 5 नुकसान हो सकते हैं?

  1. एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार को लोकसभा सीट के साथ समझौता करना पड़ सकता है। यानी, भाजपा पहले की तरह 17 सीटें देने से इनकार कर सकती है।
  2. एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार को अब भाजपा के दो दिग्गज और फायर ब्रांड नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा से निपटना आसान नहीं होगा।
  3. चिराग पासवान के साथ समझौता करना भी मुश्किल होगा, क्योंकि चिराग पासवान नीतीश कुमार का अभी भी खुलकर विरोध कर रहे हैं।
  4. लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक का नुकसान झेलना पड़ सकता है, क्योंकि लालू यादव सामप्रदायिकता का आरोप लगाकर मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ खींच सकते हैं।
  5. राम मंदिर बनने के चलते भी मुस्लिम वोटों का नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अब जेडीयू राम मंदिर का समर्थन करने से नहीं हिचकिचाएगी।

बीजेपी और जेडीयू दोनों को 17-17 फॉर्मूले से पीछे हटना होगा

उम्मीद लगाई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर भी जेडीयू, भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के बीच चर्चा जल्द होगी। 2019 के फॉर्मूले के तहत जदयू की 17 सीटों की मांग इसबार पूरी नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ नए सहयोगी बने हैं, जैसे जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राम विलास पासवान की पार्टी टूटकर चिराग और पारस गुट में बंट गई है।

नीतीश कुमार ने कब-कब मारी पलटी

  1. सबसे पहले 1994 में नीतीश कुमार ने पलटी मारी थी और जनता दल को छोड़ दिया था।
  2. 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन किया था, लेकि सही नहीं आने पर फिर पाला बदल लिया था।
  3. 1996 में नीतीश कुमार, बीजेपी के साथ आ गए और 2013 तक बीजेपी के साथ बने रहे।
  4. 4.2013 में नीतीश कुमार ने फिर पलटी मारी और लालू यादव के साथ आ गए
  5. 2015 में नीतीश कुमार ने कांग्रेस और आरजेडी के साथ सरकार बनाई थी
  6. नीतीश कुमार ने 2017 में फिर से महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था।
  7. 7.नीतीश कुमार ने 2022 में एक बार फिर से पलटी मारी और महागठबंधन में चले गए।
  8. लेकिन पलटी मारने के 2 साल भी पूरे नहीं हुए कि 28 जनवरी को एक बार फिर से बीजेपी के साथ चले आए
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