दिल्ली की निर्भया के दोषी हर बार कोई न कोई पैंतरा आजमा कर फांसी को टालने में सफल हो जा रहे हैं। एक बार फिर निर्भया के दोषी मंगलवार को होने वाली फांसी टालने में कामयाब हो गए हैं। Patiala House Court ने 17 फरवरी को सुनवाई करते हुए दोषियों को 3 मार्च की सुबह फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया था। लेकिन अब Patiala House Court ने भी तीसरी बार फांसी पर रोक लगा दी है। सोमवार को निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए एक साथ सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति और Patiala House Court तीनों जगह दरवाजा खटखटाया। #NirbhayaCase
सोमवार सुबह SC ने पवन गुप्ता की ओर से दाखिल क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। पवन गुप्ता ने घटना के साथ खुद को नाबालिग बताते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। तीन अन्य दोषियों की क्यूरेटिव याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी हैं। इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी कानूनी अधिकार भी खत्म हो गए। क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के तुरंत बाद पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल कर दी। #SupremeCourt
इसके साथ ही एक याचिका दिल्ली की Patiala House Court में दाखिल की गयी। जिसमें मांग की गई कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। इस आधार पर 3 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगायी जाए। निचली अदालत में सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से कहा गया कि अब इस केस में कोर्ट या जज की कोई भूमिका नहीं बची है। राष्ट्रपति हमसे स्टेटस रिपोर्ट मांगेंगे। तब तक स्वाभाविक तौर पर ही फांसी पर रोक लग जाएगी। अब गेंद सरकार के पाले में है। इसमें कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। दोषियों के वकील की मांग पर कोर्ट ने फिलहाल 3 मार्च को फांसी की तारीख पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही लगातार यह तीसरा मौका है जब दोषियों की फांसी पर रोक लगी है।
दोषी के वकील को कोर्ट ने दी चेतावनी
सुनवाई के दौरान Patiala House Court ने दोषी पवन गुप्ता के वकील को सख्त चेतावनी भी दी। कोर्ट ने कहा, आप आग से खेल रहे हैं। किसी की तरफ से एक भी गलत कदम उठाया गया तो परिणाम आप के सामने होंगे। कोर्ट ने 3 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
चारों दोषियों के सभी कानूनी अधिकार समाप्त
निर्भया के गुनहगार फांसी से बचने से सजा में देरी के लिए हर पैंतरा आजमा रहे हैं। लेकिन अब उनके बचने के सभी रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं। दरिंदे अपने हर कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं। साथ ही कानून की पेचीदगियों का दुरुपयोग भी कर चुके हैं। सभी की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज हो चुकी हैं। दोषी पवन गुप्ता ने अब एक मात्र बचे अपने रास्ते (दया याचिका) पर भी दांव लगा दिया है। चारों दोषियों (मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय सिंह, पवन गुप्ता) को 3 मार्च की सुबह फांसी दी जानी थी। तिहाड़ जेल प्रशासन में फांसी की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। लेकिन Patiala House Court ने एक बार फिर फांसी पर रोक लगा दी है।
तीन-तीन डेथ वारंट जारी होने के बाद भी सजा अधूरी
निर्भया के दोषियों की फांसी पहले भी दो बार टल चुकी है। सबसे पहला डेथ वारंट 7 जनवरी 2020 को पटियाला हाउस कोर्ट ने ही जारी किया था। जिसके तहत दरिंदों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाना था। लेकिन एक दोषी की दया याचिका लंबित होने के चलते फांसी टल गयी। दूसरा डेथ वारंट 17 जनवरी 2020 को जारी हुआ। जिसमें दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया था। लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अनिश्चित काल तक के लिए रोक लगा दी। #Deathwarrant
17 फरवरी को एक बार फिर मामले पर सुनवाई करते हुए Patiala House Court ने दोषियों की फांसी के लिए नई तारीख मुकर्रर की। कोर्ट ने तीसरा डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 3 मार्च की सुबह फांसी देने का आदेश दिया था। लेकिन फांसी होने से एक दिन पहले एक बार फिर दरिंदे अपनी फांसी को टालने में कामयाब हो गए।