निर्भया के गुनहगारों की फांसी का हो LIVE प्रसारण – NGO

अब वो दिन दूर नही जब निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। निर्भया गैंगरेप केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने चरों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। जिसके बाद अब उन्हें 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बीच एक एनजीओ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री से मांग की है कि चारों दोषियों की फांसी का सीधा प्रसारण (लाइव टेलीकास्ट ) किया जाए। वहीं महिला अधिकार कार्यकर्ता और ‘परी’ की संस्थापक योगिता भयाना ने इस संबंध में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र भी लिखा है।

दोषियों की फांसी का किया जाए सीधा प्रसारण

भयाना ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘निर्भया’ के दोषियों को फांसी का लाइव प्रसारण से देश में महिला सुरक्षा पर वैश्विक चिंताओं को दूर करने का सही अवसर प्रदान करता है। उन्होंने मंत्रालय से निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी की सजा के लाइव प्रसारण के लिए स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को अनुमति देने का आग्रह किया है।

महिलाओं ने तिहाड़ जेल के बाहर किया प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले ‘निर्भया’ के चारों दोषियों को फांसी देने की मांग को लेकर कुछ महिलाओं ने हाथों में रस्सी लेकर जमकर प्रदर्शन किया था। उस प्रदर्शन की अगुवाई भी सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने की थी। आंदोलनकारी महिलाओं ने तिहाड़ जेल के गेट नंबर 4 के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान महिलाओं ने हाथों में रस्सी लेकर खुद दोषियों को फांसी देने की मांग की थी। योगिता भयाना ने कहा था कि वह खुद चारों दोषियों को फांसी देना चाहती हैं, इसके लिए उन्होंने तिहाड़ जेल डीजी को मांग पत्र भी सौंपा था।

भारत,दुनिया के नजर में बलत्कारियो का देश ना बन जाए,इसलिए ये जरूरी है कि निर्भया के दरिंदो की फांसी को लाइव टीवी में दिखाकर बलात्कार की मंशा रखने वालों को एक कड़ा सन्देश दिया जाये|@PrakashJavdekar जी समय आ गया हैं कि इस एतिहासिक क्षण को मीडिया में लाइव दिखाकर इतिहास रचा जाये।

मांग पत्र में योगिता ने लिखा था, ‘निर्भया के दोषियों को मैं खुद फांसी देना चाहती हूं। जिससे समाज में यह संदेश जाए कि एक महिला भी दोषियों को फांसी दे सकती है। अगर मैं उन दरिंदों को अपने हाथों से सजा देती हूं तो मेरी पीड़ा थोड़ी कम हो जाएगी। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि मैंने बच्ची और उसके परिवार को दर्द में देखा है। यदि यह मौका मुझे मिलता है तो ये ‘निर्भया’ को मेरी तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके साथ ही महिलाओं की अस्मिता से खेलने वालों के लिए यह एक चेतावनी होगी।’

पहली भी एनजीओ कर चुका है फांसी देने की मांग

बीते शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने एक एनजीओ की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें ‘निर्भया’ के चारों दोषियों को अंगदान के लिए मनाने के लिए उनसे मिलने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था।

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