उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में नया मोड़ आ गया है । श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति का कहना है कि ठाकुर केशवदेव के भव्य मंदिर का श्रीविग्रह यानी प्रतिमा आगरा के लालकिले में दीवाने-ए-खास की छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में दबी हुई है ।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले में अदालत में पैरवी की । महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत में ऐतिहासिक तथ्य रखते हुए कहा, ओरछा नरेश ने मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में 1618 में भगवान केशवदेव का मथुरा में अत्यंत विशाल मंदिर बनवाया था । वर्ष 1669 में तत्कालीन मुगल शासक औरंगजे़ब ने उसे तुड़वाकर उसके अवशेषों से वहां शाही ईदगाह का निर्माण करा दिया था । 20वीं सदी में महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से कटरा केशवदेव टीले पर भगवान केशवदेव मंदिर और भागवत भवन का पुन:निर्माण किया गया लेकिन प्राचीन मंदिर की प्रतिमाएं अब भी आगरा में दबी हैं ।
उन्होंने कहा कि औरंगजे़ब ने मंदिर में मौजूद भगवान केशवदेव के श्रीविग्रहों को आगरा के लालकिले के दीवाने-ए-खास में बनी छोटी मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया था । महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत से कहा, इससे आज भी करोड़ों अनुयायियों की भावनाएं आहत हो रही हैं । लिहाजा अदालत पुरातत्व विभाग से या फिर अन्य वैज्ञानिक विधि अपनाकर श्रीविग्रहों को बाहर निकलवाए. साथ ही कटरा केशवदेव में इन्हें संरक्षित करने संबंधी आदेश करे ।