दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके अब अपनी पार्टी बनाकर दिल्ली की सिख राजनीति में भाग्य आजमाएंगे। 2 अक्टूबर के दिन वह अपनी नई पार्टी की शुरुआत करेंगे। वह शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने दो बार डीएसजीपीसी चुनाव में जीत दर्ज की है। अब वह शिअद-बादल के सामने चुनौती पेश करेंगे। दिल्ली के कई पंथक नेता भी उनकी पार्टी में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि यह नई पार्टी भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को चुनौती पेश कर सकती है।
मनजीत सिंह जीके वर्ष 2007 में शिरोमणि अकाली दल पंथक नाम से पार्टी बनाकर डीएसजीपीसी चुनाव लड़े थे। उनकी पार्टी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2008 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय शिअद बादल में कर दिया था। उन्हें शिअद-बादल में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके नेतृत्व में पार्टी ने वर्ष 2013 में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना गुट) को हराकर कमेटी पर कब्जा किया और वह कमेटी का अध्यक्ष चुने गए।
वर्ष 2017 में फिर से शिअद बादल को कमेटी चुनाव में जीत मिली और वह अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे, लेकिन पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद की वजह से उनकी मुश्किल बढ़ती चली गई। कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष और उस समय के महामंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ उनकी लड़ाई की खबरें सार्वजनिक होने लगी। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे जो कि अदालात में विचाराधीन है। भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्हें दिसंबर, 2018 में कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके साथ ही उन्हें पार्टी से भी बाहर जाना पड़ा था। उसके बाद से ही उनके सियासी भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। अब उन्होंने अलग पार्टी बनाकर सियासत करने का फैसला किया है। बताया जाता है कि दो अक्टूबर को ग्रेटर कैलाश स्थित गुरुद्वारा पहाड़ीवाला में आयोजित कीर्तन समागम में वह विधिवत अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। चर्चा है कि शिअद बादल के भी कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होंगे।