Supreme Court

शेर बहादुर देउबा नए प्रधानमंत्री के तौर पर जानिए कब लेंगे शपथ

नेपाल के कार्यवाहक प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। Supreme Court से फैसला आने के बाद अब विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। ओली ने अपने एक बयान में कहा कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को देउबा को अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री Kp Sharma Oli के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त करने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि, कार्यक्रम के समय की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

मई में दायर की थी याचिका

गौरतलब है कि, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के कुल 146 सदस्य बीती 24 मई को Supreme Court एक याचिका लेकर पहुंचे थे। जिसमें मांग की गई थी कि शेर बहादुर देउबा को PM के तौर पर नियुक्त कर सदम को फिर से बहाल किया जाए। अदालत में दायर की गई याचिका में नेपाली कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा के 61 सदस्य, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के 49 सदस्य, सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल गुट के 23 सदस्य, उपेंद्र यादव-बाबूराम भट्टराई जनता समाजवादी पार्टी के 12 सदस्य और राष्ट्रीय जनमोर्चा नेपाल से एक सदस्य शामिल था।
देश में सियासी घमासान

मई के महीने में PM के पद का दावा करते हुए, देउबा ने 149 सांसदों के हस्ताक्षर पेश किए थे। ताकि यह साबित हो सके कि उन्होंने नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन अब देउबा को 23 वोटों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जो कि उन्हें पहले माधव नेपाल के सीपीएन-यूएमएल से प्राप्त था। जिसके चलते नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने अनुच्छेद 76 (5) और सदन के विघटन के तहत देउबा को नई सरकार बनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। वहीं, 10 मई को सदन में ओली विश्वास मत हासिल करने में विफल रहे थे। जिसके बाद राष्ट्रपति ने 13 मई को संविधान के अनुच्छेद 76 (3) के तहत सदन में सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी का नेता ओली को PM नियुक्त कर दिया था।
ओली ने बनाई अजब स्थिति

देश में नए PM की नियुक्ति के एक हफ्ते बाद ही, 20 मई को ओली ने अचानक कदम उठाते हुए सिफारिश की, कि राष्ट्रपति एक नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए अनुच्छेद 76 (5) को लागू करें। दरअसल, जब अनुच्छेद 76 (3) के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री विश्वास मत में विफल हो जाता है तो राष्ट्रपति ही अनुच्छेद 76 (5) को लागू करता हैं। हालांकि, ओली ने न तो विश्वास मत मांगा और न ही इस्तीफा दिया, जिससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें एक प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से PM नियुक्त करने के लिए कह रहा था। Supreme Court के फैसले से असंतुष्ट कार्यवाहक प्रधानमंत्री Kp Sharma Oli के समर्थकों ने सोमवार को भंग हुई हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को बहाल करने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में ओली समर्थकों ने जमा होकर अदालत के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की।

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