उत्तराखंड सरकार ने Covid-19 महामारी को देखते हुए इस साल Kanwar Yatra को रद करने का फैसला लिया है। आज मंगलवार को CM पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। कुछ देर बाद CM खुद मीडिया को इस संबंध में जानकारी देंगे। बता दें कि बीते दिनों पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि कांवड़ यात्रा केवल Uttarakhand का विषय नहीं। इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व मध्यप्रदेश आदि राज्य शामिल हैं। यह श्रद्धा व आस्था से जुड़ा आयोजन है। यह ध्यान रखना होगा कि Covid-19 न बढ़े। ऐसा न हो कि Covid-19 की वजह से श्रद्धालुओं के जानमाल को खतरा हो।
बता दें कि अप्रैल महीने में हरिद्वार कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। इससे राज्य में Covid-19 की स्थित बिगड़ी थी। इसी को देखेते हुए तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया था। हालांकि, इस बीच राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो गया। नए मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से बातचीत के बाद कांवड़ यात्रा पर फैसला लेने की बात कही थी। इसी को लेकर आज मंगलवार को CM पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें Covid-19 की तीसरी लहर को देखते हुए Kanwar Yatra को रद करने का फैसला लिया गया।
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद करने की कि जा रही थी मांग
बता दें कि Uttarakhand में कांवड़ यात्रा रद करने की मांग की जा रही थी। विशेषज्ञों का कहना था कि अगर यात्रा आयोजित होगी तो इससे Covid-19 संक्रमण के व्यापक पैमाने पर बढ़ने की संभावना बनेगी। तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा ‘सुपरस्प्रेडर इवेंट’ के रूप में कुंभ मेले से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। बीते रोज आइएमए Uttarakhand ने CM पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज यह अनुरोध किया है कि कांवड़ यात्रा को रद कर दिया जाए। IMA के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना के अनुसार हर साल सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर Uttarakhand के अलग-अलग इलाकों में आते हैं।