झारखंड में NDA को बचने के तमाम फार्मूले ध्वस्त हो गए। भाजपा झुकी नहीं और आजसू रुकी नहीं। गठबंधन टूट चुका है, लेकिन दोनों ही दल इसके फूटने का ठीकरा एक दूसरे के सिर डालने को आमदा हैं। शुक्रवार को AJSU ने घाटशिला से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू समेत छह प्रत्याशी की सूची जारी कर भाजपा को एक और झटका दिया है।
कल तक संयमित रहे भाजपा-आजसू के बीच रिश्तों की तल्खी दबी रही, अब जुबान पर आने लगी है। शुक्रवार को रांची पहुंचने के बाद माथुर ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान गेंद आजसू के पाले में फेंकी। बोले, हम आजसू के रुख का इंतजार कर रहे हैं। वो बोले नौ सीटें अभी भी शेष हैं, निर्णय उन्हें लेना है। हम चुनाव में गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं। फ्रेंडली फाइट जैसे विकल्प की बात उन्होंने एक बार फिर दोहराई। भाजपा की रणनीति पर कहा कि हमारी रणनीति कभी फेल नहीं होती। भाजपा 65 पार का आंकड़ा पार करेगी, 23 दिसंबर को देख लीजिएगा।
इधर, माथुर की मीडिया से बातचीत के कुछ ही घंटे बाद आजसू ने मिलन समारोह का आयोजन कर अपने इरादे साफ कर दिए। संकेत साफ था कि उसे BJP का फार्मूला मान्य नहीं है। शुक्रवार को बुलू रानी सिंह सरदार और हरेलाल महतो के शामिल कराया गया। देर शाम छह प्रत्याशियों की सूची में इन्हें उम्मीदवार भी बना दिया। गठबंधन के सवाल पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन तंज कसते हुए कहा कि शिखर पर रहने वाले बड़े दल नीचे देखने से कतराते हैं।