देश में Corona संकट के बीच संसद का मानसून सत्र आयोजित किया गया। इसे समय से पहले खत्म भी कर दिया गया। इस सत्र में संसद के दोनों सदनों में अहम विधेयक पारित किए गए। अब जल्द ही देश को एन नई संसद भी मिलने वाली है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज बताया कि Corona महामारी के बीच हाल ही में आयोजित मानसून सत्र एक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन भारत का लोकतंत्र मजबूत है और लोगों का इसमें पूर्ण विश्वास है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सदन में राजनीतिक दलों और सरकार के सभी सदस्यों से एक कुशल अधिवेशन हुआ। इस दौरान हमारी प्रोडक्टिविटी 167 फीसद तक रही, जो अपने आप में ऐतिहासिक है।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि नए संसद भवन को 21 महीने में पूरा करने की तैयारी है। यदि ऐसा होता है, तो हमारा सत्र नए भवन में आयोजित किया जाएगा जब हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मनाएंगे।
बता दें कि Corona महामारी के खतरे को देखते हुए संसद का मानसून सत्र निर्धारित समय से 8 दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया। 10 दिनों का छोटा सा ये सत्र काफी अहम रहा। इस सत्र में 2 दर्जन से अधिक विधेयक पारित किए गए। इसके अलावा ये सत्र सांसदों के निलंबन, विधेयकों पर मचे भारी हंगामे के लिए भी याद किया जाएगा।
गौरतलब है कि कृषि विधेयकों के जरिए कृषि सुधार से संबंधित 3 विधेयक (कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक, आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन विधेयक) इस दौरान पारित किए गए। इनका जबरदस्त विरोध भी हुआ। मंडी कानून से अलग एक केंद्रीय कानून के साथ कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के विधेयक को सदन में पास कर दिया गया।