भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी लापता हो गया है, जिसके बाद एंटीगुआ पुलिस ने उसकी तलाशी शुरू कर दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने भी एंटीगुआ से स्थानीय रिपोर्टों के तुरंत बाद इसकी पुष्टि की है। चोकसी ने एंटीगुआ में एक नागरिक के रूप में शरण मांगी है। वकील ने कहा कि वह सोमवार को अपने घर से ‘द्वीप के दक्षिणी हिस्से में एक प्रसिद्ध रेस्तरां में रात का खाने के लिए जाने के लिए निकला। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा।
NVR से बात करते हुए चोकसी के वकील अग्रवाल ने कहा, “मेहुल चोकसी लापता है। उसके परिवार के सदस्य चिंतित हैं। उन्होंने मुझे चर्चा के लिए बुलाया है। एंटीगुआ पुलिस इसकी जांच कर रही है। परिवार अंधेरे में है और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।”
एंटीगुआ और बारबुडा में रहने वाले 61 वर्षीय भारतीय कारोबारी और गीतांजलि समूह के मालिक मेहुल चोकसी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वांटेड घोषित कर रखा है। मेहुल चोकसी ने मेगा-घोटाले के सामने आने से एक महीना पहले 4 जनवरी, 2018 को एंटीगुआ भागने से पहले ₹13,578 करोड़ पीएनबी धोखाधड़ी में करीब ₹7,080 करोड़ की हेराफेरी की।
चोकसी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। वह कथित तौर पर 2013 में शेयर बाजार में हेरफेर में शामिल था।सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी करने के बाद चोकसी देश छोड़कर भाग गया। बाद में उसे भगोड़ा घोषित किया गया। पिछले साल दायर एक चार्जशीट में, ईडी ने दावा किया था कि चोकसी ने न केवल भारतीय बैंकों को बल्कि दुबई और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ग्राहकों और ऋणदाताओं को धोखा दिया है। उनकी ₹2,500 करोड़ की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है।
इस साल की शुरुआत में, एंटीगुआ और बारबुडा ने नवंबर 2017 में कैरेबियाई राष्ट्र की नागरिकता द्वारा निवेश कार्यक्रम (सीआईपी) के तहत दी गई भगोड़े हीरा व्यापारी की नागरिकता को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन उन्होंने अदालत में सरकार के कदम को चुनौती दी। इस मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है।
इस घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के मुताबिक, चोकसी को पिछले साल एंटीगुआ और बारबुडा के अधिकारियों ने उनकी नागरिकता रद्द करने की प्रक्रिया के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मार्च में दावा किया था कि भगोड़े व्यवसायी विजया माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी कानून का सामना करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं। सीतारमण ने राज्यसभा में बीमा संशोधन विधेयक पर एक बहस का जवाब देते हुए यह बात कही थी।