जब पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत भी इस कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, और देश के कोरोना वॉरियर्स कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े तब हैं तब ऐसे में आम जनता से लेकर खास तक सभी इन कोरोना वॉरियर्स की हौसला अफजाई अपने अपने तरीके से कर रहे हैं। ऐसे में लहरों पर महीनों तक अपना काम करने वाले मर्चेन्ट नेवी के सैकड़ों कर्मचारी भी सबके साथ एकजुट होकर खड़े हैं। ये वो योद्धा हैं जो समंदर की लहरों पर चलते हुए भी इस वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं। आपको बता दें वर्ल्ड लेबर डे के मौके पर मौके पर दुनियाभर के हजारों जहाजों पर इकट्ठा सैनिकों ने एक साथ हॉर्न बजाकर अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाया।इन्हीं मर्चेन्ट नेवी के कर्मचारियों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामान की ढुलाई की जिम्मेदारी है और वो इस सप्लाई चेन को कायम रखने के लिए लगातार डटे हुए हैं। नौकाओं और जहाजों ने बीते शुक्रवार को ठीक दोपहर 12 बजे एक साथ हॉर्न बजाया और कोरोना के खिलाफ लड़ने वालों के साथ अपनी आवाज़ बुलंद की। इसके साथ ही इस जंग में अपनी बराबर की भागिदारी दर्ज कराई।
आपको बता दें कि इस कोरोना संकट की घड़ी में भी समुद्री रूट पर कई ऐसे व्यावसायिक जहाज चल रहे हैं, जिनमें हजारों भारतीय भी हैं। और इन जहाजों का काम ही है कुछ बहुत जरूरी सामानों को एक देश से दूसरे देश तक पहुंचाना। ऐसे में इन जहाजों पर कार्य करने वाले हजारों कर्मचारियों ने हॉर्न बजाकर ये संदेश देने की वो भी देश में संकट काल में वो भी पूरा साथ दे रहे है। आपको बता दें ये पूरी योजना जहाजरानी उद्योग की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ शिपिंग की ओर से बनाया गया था। इस संस्था के मुताबिक समुद्र में 12 लाख लोग काम करते हैं, जिससे दुनियाभर में ईंधन से लेकर खाने-पीने तक का सामान और जरूरी वस्तुओं की सप्लाई सुचारू रूप से चलती रहे।