राहुल गांधी के वीडियो में प्रवासी श्रमिकों के लिए हमदर्दी कम नौटंकी ज्यादा- मायावती

Lockdown के बीच प्रवासी श्रमिकों को लेकर सियासी घमासान तेज है। कांग्रेस और SP प्रवासी श्रमिकों की अनदेखी का आरोप लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सियासी तीर छोड़ रही है। शनिवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष Rahul Gandhi ने प्रवासी मजदूरों से बातचीत का एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। जिसमें उन्होंने 16 मई को सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास मजदूरों से बातचीत के कुछ अंश डाले हैं। Rahul Gandhi के इस वीडियो पर योगी सरकार तो पीछे रह गई। BSP सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी को जमकर लताड़ लगाई।


पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस वीडियो को नाटक करार दिया है। इसके साथ ही मायावती ने प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के लिए Congress की पूर्व सरकारों को ही जिम्मेदार ठहराया है। BSP सुप्रीमों ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर कई ट्वीट किए हैं। पहले ट्वीट में उन्होंने श्रमिकों की दुर्दशा के लिए Congress को जिम्मेदार बताते हुए लिखा, आज पूरे देश में कोरोना Lockdown के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है। उसकी असली कसूरवार Congress है। क्योंकि आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव व शहरों में की गई होती तो इन गरीब मजदूरों को दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता।

दूसरे ट्वीट में यूट्यूब पर जारी किए गए वीडियो को लेकर मायावती ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, वर्तमान में कांग्रेसी नेता ने Lockdown त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने वाला जो वीडियो डाला है, उसमें हमदर्दी कम, नाटक ज्यादा दिख रहा है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।

उन्होंने आगे लिखा, वर्तमान समय में केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें Congress के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल मजदूरों को उनके गांवों और शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करें। BJP सरकार इन प्रवासी श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर ईमानदारी से अमल करे ताकि आगे इन्हें ऐसी दुर्दशा न झेलनी पड़े। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए मायावती ने लिखा कि BSP के जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है, उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है। ऐसे लोगों को अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें। मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है।

Rahul Gandhi के इस वीडियो को केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी ड्रामेबाजी करार दे चुकी हैं। वित्त मंत्री ने कहा है कि Rahul Gandhi ने मजदूरों के साथ बैठकर और उनसे बात करके उनका समय बर्बाद किया है। सड़क पर बैठकर बात करने से मजदूरों की समस्या का हल नहीं होगा। उन्हें मजदूरों के साथ सामान उठाकर उनके साथ पैदल जाना चाहिए था। उन्हें मजदूरों के बच्चों को और उनके सामान को उठाकर उनके साथ चलना चाहिए था।

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