West Bengal Election:पश्चिम बंगाल में इस बार आर या पार का मुकाबला होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि सुवेंदु अधिकारी वर्तमान में नंदीग्राम से विधायक हैं जो पिछले महीने ही तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा बीजेपी में शामिल हुए है। ममता ने सोमवार को नंदीग्राम में रैली के दौरान यह ऐलान किया।
ममता ने नंदीग्राम से हुंकार भरते हुए कहा, ‘मैं नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ूंगी। संभव हुआ तो भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगह से चुनाव लड़ूंगी।’ सुवेंदु अधिकारी के गढ़ नंदीग्राम में रैली करते हुए ममता बनर्जी ने जमकर हमला बोला।
ममता ने कहा, ‘मुझे वो दिन याद हैं, इसलिए मुझे किसी से ज्ञान नहीं चाहिए, नंदीग्राम आंदोलन किसने शुरू किया था, हम सब जानते हैं।’ रैली में टीएमसी सांसद और सुवेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और उनके भाइयों को नहीं बुलाया गया था।
आज ममता बनर्जी और सुवेंदु दोनों एक दूसरे के गढ़ में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ममता जहां नंदीग्राम में रैली कर रही हैं वहीं सुवेंदु अधिकारी दक्षिण बंगाल में रोड शो करेंगे। ममता को बंगाल की सत्ता दिलाने में नंदीग्राम की अहम भूमिका रही है। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में ही लेफ्ट सरकार के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ धरना दिया था लेकिन नंदीग्राम के ‘हीरो’ के रूप में सुवेंदु अधिकारी को प्रोजेक्ट किया जाता है जो कभी ममता के करीबी हुआ करते थे।
कहा जाता है कि नंदीग्राम आंदोलन की पटकथा सुवेंदु अधिकारी ने ही तैयार की थी। इतना ही नहीं उन्होंने भूमि उच्छेद प्रतिरोध कमिटी का नेतृत्व करते हुए 2007 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन की भी अगुआई की थी। इस आंदोलन के चलते बंगाल में लेफ्ट का 34 साल पुरानी सरकार गिर गई थी।
इससे पहले दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में रैली की थी। इस दौरान उनके रोड शो पर हमला हुआ था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में उसके 15 कार्यकर्ता घायल हुए थे।
इससे पहले, ममता बनर्जी सात जनवरी को नंदीग्राम में ममता बनर्जी की रैली होने वाली थी लेकिन रामनगर के टीएमसी विधायक अखिल गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इससे कार्यक्रम को आगे के लिए टाल दिया गया था।