नागरिकता संशोधन कानून पर जहां पिछले कई दिनों से देश में उपद्रव अपने चरम पर है, और लोग लगातार CAA के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, वहीं अब इस मामले पर विदेशो से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। आपको बता दें मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन पर सवाल उठाए है, और कहा है कि आखिर भारत में CAA की जरूरत ही क्या है। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के इस बयान पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह से आंतरिक मामला बताया और मलेशियाई पीएम को इस तरह की टिप्पणियों से बचने की सलाह दी है, साथ ही विदेश मंत्रालय ने मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद की टिप्पणी को तथ्यात्मक रूप से गलत ठहराया है। इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम तीव्रता से नागरिकता प्रदान करने के लिए है ये एक्ट किसी भी तरह से भारत के नागरिकों की नागरिकता को प्रभावित नहीं करता और इससे नागरिकता के अधिकार का हनन नहीं होता।
आपको बता दें कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन 2019 में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की थी, साथ ही अपने संबोधन में लेशियाई पीएम ने कहा था कि ये देखकर दुख हो रहा है कि जो भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले भी कश्नीर मुद्दे पर मलेशिया ने भारत की आलोचना कर पाकिस्तान का साथ दिया था।