धोखाधड़ी व गबन के मुकदमे में सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की पत्नी लुईस खुर्शीद (Louise Khurshid) समेत दो की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है। ये मामला साल 2010 का है जिसमें आरोप है कि असली में तो कैंप लगे ही नहीं और निशक्तों को उपकरण बांटने की खानापूर्ती सिर्फ कागजों में की गयी, इसके बदले केंद्र सरकार से मिले अनुदान को अपनी जेब में रख लिया गया।
फर्रुखाबाद(Farrukhabad) में केस की सुनवाई हुई, जहां जिला जज सुभाष चंद ने अदालत में सुनवाई के बाद लुईस खुर्शीद समेत दो की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।बता दें कि पूर्व विशेद मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्ती लुईस खुर्शी डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की सचिव हैं। इस ट्रस्त को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से 30 मार्च 2010 को 71.50 लाख रुपये अनुदान मिला था, इसमें से 4 लाख फर्रुखाबाद में निशक्तों को उपकरण बांटने में किया जाना था।
इस मामले में आरोप है कि उपकरण बांटने के लिए कैंप तो लगा ही नहीं और सिर्फ रिपोर्ट तैयार कर ली गयी, साथ ही इसके सत्यापन में सीएमओ के हस्ताक्षर भी फर्जी थे। इस मामले में अब जिला जज ने लुईस खुर्शीद समेत दो की जमानत याचिका खारिज कर दी है।