पांचवें दौर की सैन्य कमांडर वार्ता के दौरान रविवार (2 अगस्त) को भी भारत की तरफ से चीन को स्पष्ट कह दिया गया है कि वह फिंगर-5 से 8 तक के क्षेत्र से तत्काल अपने सैनिकों को हटाए और अप्रैल की स्थिति को बहाल करे। इसके अलावा टकराव वाले अन्य स्थानों से भी सहमति के अनुसार पीछे हटे।
रविवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच पांचवें दौर की वार्ता मोल्डो में शुरू हुई जो देर रात तक चली। वार्ता के नतीजों को लेकर सोमवार (3 अगस्त) को किसी भी समय बयान जारी होने की संभावना है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि वार्ता के शुरुआती चरण में भारत की तरफ से चीन से पेंगोग लेक इलाके को खाली करने के लिए कहा गया।
भारतीय पक्ष ने चेताया कि चीन अपने सैनिकों को उस क्षेत्र से तत्काल हटाए। भारत की तरफ से स्पष्ट कहा गया कि फिंगर-8 तक का क्षेत्र भारत का है। इसलिए चीनी सेना तुरंत पूर्व की स्थिति बहाल करे, लेकिन चीन इस पर पूरी तरह से तैयार नहीं है। भारत की तरफ से हॉट स्प्रिंग, गोगरा, डेप्सांग इलाकों से भी चीनी सेना को और पीछे हटने को कहा गया है। इन इलाकों में चीनी सेना थोड़ा पीछे हटी है, लेकिन जो सहमति पूर्व की बैठकों में बनी थी, यह उसके अनुरूप हरगिज़ नहीं है।
चीनी सेना का दोहरा चरित्र बार-बार उजागर हो जा रहा है। बैठक में तो पीछे हटने पर सहमत हो जाती है, लेकिन बाद में उस पर अमल नहीं करती है। इससे पूर्व दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता 14 जुलाई को भारतीय क्षेत्र चुशूल में हुई थी। जो करीब 15 घंटे चली थी। इसके बाद सेना ने बयान जारी किया था कि दोनों पक्ष पीछे हटने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उसके 2 सप्ताह के बाद भी जमीन पर गतिरोध जस का तस है। सही मायने में देखा जाए, तो इन 2 हफ़्तों में इस दिशा में कोई प्रगति हुई ही नहीं है।