जानिए कैसे मनाया जाता है कुंडे का त्यौहार

कुंडे के त्यौहार को लेकर मीठी टिकियों से हलवाईयों की दुकाने सज गई है। मुस्लिम समाज कल कुंडे का त्यौहार मनाएगा। शहर सहित मोहल्लों में समाजजनों ने घर-घर खीर-पूड़ी बनाकर फातेहा पढ़ी जाएगी। कुंडे का पर्व हजरत इमाम जाफर सादिक रह. अलैह की याद में मनाया जाता है।

मान्यता है कि इस दिन खीर-पूड़ी बनाकर कुंडे में रखकर मांगी गई मुराद पूरी होती है। सुबह 5.45 बजे फजर की नमाज के बाद घर-घर में फातिहा पढ़कर समाजजन कुंडे सजाते हैं। इनमें पकवान रखे जाते हैं। मौलाना इमाम जाफर के नाम की फातिहा पढ़ते हैं। इसके बाद लोग रिश्तेदारों को अपने घर बुलाकर पकवान खिलाते हैं।

दिनभर नगर में बच्चों व युवाओं की टोलियां नजर आती है। इस दौरान बुजुर्ग बच्चों को दुआएं भी देते हैं। शाम को 5.30 बजे असर की नमाज व 7 बजे मगरिब की नमाज बाद त्योहार संपन्न होता है। लोग बताते हैं कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह रज्जब के महीने की 22वीं तारीख को मनाया जाता है।

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