जानें आकाश की खूबियां जिसे भारत ने चीन को जवाब देने के लिए सीमा पर किया है तैनात

सीमा पर चीन के दुस्‍साहस और उससे होने वाले खतरे के मद्देनजर भारत ने उसको जवाब देने के लिए अत्‍याधुनिक आकाश मिसाइल को तैनात किया है। ऐसा सीमा पर चीन की तरफ से हो रही तैयारियों और उसके लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्‍टरों के भारतीय सीमा में दाखिल होने के मद्देनजर किया गया है। आपको बताते चलें कि आकाश मिसाइल दुनिया की कुछ बेहतरीन मिसाइलों में से एक है। आइये आपको बताते हैं इसकी खूबियां:-

आकाश मिसाइल एक मध्‍यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Surface to Air Missile Akash) है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित किया गया है। इसके उत्‍पादन की जिम्‍मेदारी भारत डायनामिक लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited) पर है। ये मिसाइल 30 किमी के दायरे में आसमान में 18,000 मीटर की ऊंचाई पर मंडराते किसी भी खतरे पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। ये इतनी ऊंचाई पर किसी भी लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic Missile) को भी हवा में ही मार देने की क्षमता रखती है।
डीआरडीओ ने इसको भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया है।
आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है। इसकी चौड़ाई करीब 35 सेमी और लंबाई 5.78 मीटर की है।
आकाश एक सुपरसोनिक मिसाइल (Supersonic Missile Akash) है जो 2.5 से 3.5 मैक तक की तेजी के साथ अपने लक्ष्‍य की तरफ आगे बढ़ती है। इस स्‍पीड का अर्थ है कि ये 4 हजार किमी प्रतिघंटे से भी तेज गति से उड़ सकती है।
ये मिसाइल 60 किग्रा विस्‍फोटक से लैस होती है। इसके हर लॉन्‍चर में तीन मिसाइलें होती हैं।
इस मिसाइल को सटीक निशाना लगाने में इसमें लगे रडार की भूमिका काफी अहम है। इस रडार का नाम राजेंद्र है। यह रडार थ्री डी कार तकनीक (3D Central Acquisition Radar)से लैस होने के साथ-साथ भारत का एक प्रमुख रडार भी है। यह रेडियो तरंगों के माध्यम से अपनी तरफ आती किसी भी वस्तु की गति, आकार, दूरी, स्थिति आदि की सटीक जानकारी देने में सक्षम है।
यह 150 किमी के दायरे में आने वाली हर चीन को पहचान कर उसकी जानकारी देता है। इतना ही नहीं ये एक ही समय में कई टार्गेट और अपनी तरफ आने वाले कई खतरों की जानकारी दे सकता है। इसके बाद ये जानकारी लॉन्‍चर तक पहुंचती है और मिसाइलें दुश्‍मन को खत्‍म करने की तरफ आसमान में उड़ जाती हैं। इस रडार को वर्ष 2005 में टेस्‍ट किया गया था।
आपको बता दें कि हर चार लॉन्‍चर पर एक राजेंद्र रडार प्रणाली (Rajendra Radar) लगाई गई है। हर लॉन्‍चर पर तीन आकाश मिसाइल तैनात होती हैं। इस तरह से राजेंद्र से मिलने वाली जानकारी के बाद 12 मिसाइलें एक साथ या जरूरत के मुताबिक, अलग-अलग टार्गेट को नष्‍ट (Aakash missile destroy multiple target) करने के लिए लॉन्‍च की जा सकती हैं। इस रडार के माध्‍यम से एक ही टार्गेट पर एक से अधिक मिसाइल भी दागी जा सकती हैं।
आपको बता दें कि आकाश मिसाइल का प्रोजेक्‍ट वर्ष 1990 में शुरू हुआ था। इसके सात वर्ष बाद इसको तैयार किया जा सका था। वर्ष 2005 में इसका सफलतापूर्वक टेस्‍ट किया गया था। इसके बाद से ही ये देश की सेवा में तत्‍पर है।

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