NIA के DG YC MODI ने एक बड़ा खुलासा किया है। डीजी के मुताबिक बाग्लादेशी आंतकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) भारत में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। ये आतंकी संगठन भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। NIA के डीजी वाईसी मोदी (Yogesh Chander Modi) ने कहा कि जेएमबी बांग्लादेशियों की आड़ में असम, झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक में सक्रिय है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि आतंकियों की मदद करना पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी है।
साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh, JMB) के 125 संदिग्धों की लिस्ट राज्यों को सौंपी गई है। एनआईए ने बीते दस सालों में ISIS, जेहादी कार्रवाई, टेरर फंडिंग समेत कई क्षेत्रों में जितने मामलों की जांच की है उसमें 90 फीसदी दोषी करार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नए एनआईए ऐक्ट से मौजूदा वक्त में काफी फायदा मिल रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में विज्ञान भवन में आयोजित देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के एक सम्मेलन में एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने भी आतंकी गतिविधियों को लेकर बड़े खुलासे किए। उन्होंने बताया कि टेरर फंडिग के मुख्य मामले में जम्मू-कश्मीर के संगठनों के प्रमुख और शीर्ष अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। आरोपियों में से किसी को भी बेल नहीं मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी जांच में पाया है कि इन सभी आरोपियों की फंडिंग के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तानी उच्चायोग हवाला के जरिए उक्त आरोपियों की फंडिंग करता था।
आलोक मित्तल ने कहा कि आइएस से जुड़े मामलों अब तक 127 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें 33 तमिलनाडु, 19 उत्तर प्रदेश, 17 केरल और 14 तेलंगाना से हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पंजाब में आतंकी गतिविधियों को दोबारा जीवित करने के लिए सीमा पार से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। आठ मामलों में टारगेटेड किलिंग के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन मामलों में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का हाथ पाया गया है। इन सुपारी किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने के लिए यूके, इटली, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से पैसे भेजे गए थे।