क्या Jammu-Kashmir को फिर मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?

लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पास हो गया है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के हालात पर सदम में बयान दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सही समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जिनको पीढ़ियों तक शासन करने का मौका दिया, वे अपने गिरेबान में झांककर देखें कि वे हिसाब मांगने के लायक भी हैं या नहीं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।’

4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2G से 4G इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है। उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है।’

अमित शाह ने कहा, ‘यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा, लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आए हो क्या?’ शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो।’ शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिंदू-मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिंदू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिंदू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिंदू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धम्रनिरपेक्ष कहते हैं।

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