बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर सियासत तेज

राज्य में एनडीए के घटक दलों ने शनिवार को एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की केंद्र सरकार से मांग की है. इसमें जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शामिल हैं. दोनों नेताओं ने अपने-अपने टि्वटर हैंडल पर इस मांग को प्रमुखता से उठाया है.

उपेंद्र कुशवाहा ने नीति आयोग के हाल की रिपोर्ट को इसका आधार बनाया है, जिसमें नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को विकास के मानकों पर पिछड़ा बताया गया है. उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को पूरा करना जरूरी बताया है.जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को टैग कर ट्वीट किया है.

अपने ट्वीट में उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है कि बिहार-झारखंड विभाजन के बाद प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है. वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है. अपने ट्वीट में की नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और जदयू की वर्षों से लंबित मांग पर विचार करने और बिहार वासियों को न्याय देने का निवेदन किया है.

वहीं पूर्व सीएम और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्वीट में लिखा है कि कम संसाधनों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के बदतर कानून व्यवस्था और बेहाल शिक्षा महकमे को दुरुस्त करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी है. अब आधारभूत संरचना को ठीक करने के लिए विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है. डबल इंजन की सरकार में विशेष दर्जा नहीं मिला तो कभी नहीं मिलेगा.

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