झारखंड में गिरीडीह आश्रम से लौट रहे सांसद साक्षी ने रोस्ते में रोककर जबरन क्वारंटाइन कराने पर सरकार पर करारा हमला बोला है। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा है कि वह आश्रम में रह रही अपनी 97 वर्षीय मां का हाल लेने आए थे, लौटते समय झारखंड सरकार के इशारे पर मुझे जबरन आश्रम में Quarantine करा दिया गया है। अगर कोविड प्रोटोकॉल में Quarantine करने की बाध्यता थी तो प्रोटोकॉल भेजने पर ही प्रशासन को पहले ही सूचना देकर यहां आने से रोकना चाहिए था।
सांसद साक्षी महाराज ने बताया कि वाई प्लस सुरक्षा होने के कारण नियमानुसार जहां जाता हूं, वहां के प्रशासन को पहले ही सूचना देनी होती है। 27 अगस्त को गिरिडीह स्थित शांति भवन आश्रम आने की सूचना गिरिडीह DM को दी थी। शनिवार को उनके आश्रम पहुंचने से पहले ही सुरक्षा को लेकर DM ने प्रोटोकॉल का पत्र भी जारी कराया था। उन्होंने बताया कि आश्रम में सबसे मिलने के बाद जब वह निकले तो थर्मल स्क्रीनिंग में शरीर का तापमान ज्यादा होने की बात कहकर उन्हें क्वारंटाइन करा दिया गया।
सासंद ने कहा कि झारखंड सरकार के दबाव में प्रशासन ने मुझे जबरन क्वारंटाइन कराया है। रविवार की सुबह तक किसी प्रशासनिक अफसर ने Quarantine मुक्त करने का कोई आदेश नहीं दिया है। सरकार द्वारा मेरे साथ की गई इस कार्रवाई को लेकर भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता आक्रोशित हैं और धरना-प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। सांसद ने बताया कि DM को पत्र लिखकर क्वारंटाइन से मुक्त करने को कहा है पर कोई निर्णय नहीं किया गया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि 31 अगस्त को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में एक बैठक है, इस तरह की कार्रवाई से तो किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है।
सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि हमारे गिरिडीह आश्रम में ही मेरी मां रहती हैं उनकी उम्र 97 वर्ष की है। उन्हीं को देखने के लिए आया था।
सांसद ने गिरिडीह के BJP जिलाध्यक्ष महादेव दुबे द्वारा दिए गए चेतावनी पत्र की जानकारी देते हुए बताया कि अगर Quarantine से मुक्त नहीं किया तो संगठन धरना देगा।