अमेरिका से अलग हटकर जापान ने अब मिडिल ईस्ट में अपने जहाजों की रक्षा करने के लिए एक युद्धक पोत और निगरानी पोत भेजने की योजना बनाई है, जापान इस मिशन में 206 नौसेनिकों की भी तैनाती करेगा। यह तैनाती जनवरी 2020 के आखिर में शुरू होगी। अमेरिका ने 6 देशों के साथ मिलकर होरमुज जलडमरू मध्य में एक टास्क फोर्स बनाई है।
जापान इस टास्क फोर्स में शामिल नहीं हुआ, अब जापान ने अपनी नौसेना मिडिल ईस्ट में भेजने की योजना बनाई है, वो इसी पर काम कर रहा है। ईरान ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना की थी। जहाजों की रक्षा करने के लिए युद्धक और निगरानी पोत जापान सरकार की कैबिनेट ने एक आदेश जारी कर कहा कि जापान मध्य पूर्व के इलाके में अपने जहाजों की रक्षा करने के लिए एक युद्धक पोत और निगरानी पोत भेजेगा।
ईरान की जलसीमा के पास ओमान की खाड़ी और अरब सागर में जापानी जहाजों की रक्षा करने और जानकारी जुटाने के लिए एक हेलीकॉप्टर युक्त युद्धक पोत और दो पी-3सी हवाई जहाज इस इलाके में तैनात किए जाएंगे। जापान इस मिशन में 206 नौसेनिकों की तैनाती करेगा। इसी माह जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दो दिवसीय ईरान यात्रा के दौरान ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी को अपनी इस योजना के बारे में बताया था। जून 2019 में भी शिंजो आबे ने ईरान की यात्रा की थी। वह ईरान के सर्वोच्च नेता अयोतोल्लाह खमेनई से मिले थे। 41 साल में ये पहला मौका था जब कोई जापानी प्रधानमंत्री ईरान के दौरे पर गया।