पूरी दुनिया में महंगी हो सकती है गैस, ईरान की इस बड़ी घटना ने बढ़ाई चिंता

ईरान के कई गैस स्टेशनों पर साइबर अटैक हुआ है. ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने इसकी जानकारी दी है. तेहरान में भी कई गैस स्टेशनों पर साइबर हमले की खबर है. ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् ने भी इस हमले की तस्दीक की है. साइबर हमले के बाद गैस स्टेशन में आई तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए तेल मंत्रालय के अधिकारी उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं. हमले के बाद आशंका जताई जा रही है कि गैस के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि ईरान पूरी दुनिया में गैस की सप्लाई करता है.

गैस स्टेशन पर साइबर हमले और सप्लाई में आ रही दिक्कतों के पीछे किन तत्वों का हाथ है, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. चूंकि हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, इसलिए वारदात की परतें खुलने में अभी वक्त लग सकता है. इस साइबर अटैक या हैकिंग की वजह से पूरे ईरान में गैस स्टेशनों को ईंधन सब्सिडी का प्रबंधन करने वाली एक सरकारी सिस्टम को बंद करना पड़ा है. इस घटना से गैस की बिक्री रोक दी गई है.

एक ईरानी सरकारी टेलीविजन के ऑनलाइन पोस्ट में तेहरान में कारों की लंबी लाइनें देखी गई हैं. गैस स्टेशन पर हमले के बाद सप्लाई पर असर पड़ा और लोगों को गई घंटे तक गैस के लिए इंतजार करना पड़ा है. एक एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकार ने तेहरान गैस स्टेशन पर कारों की लाइनें भी देखीं, जिनमें पंप बंद थे और स्टेशन बंद था. समाचार एजेंसी ISNA ने इस हमले को साइबर अटैक कहा है. एजेंसी के मुताबिक जो लोग सब्सिडी पर गैस खरीदते हैं उन्हें इस हमले का खामियाजा भुगतना पड़ा है. ईरान में अधिकांश लोग सब्सिडी वाली गैस पर आधारित हैं क्योंकि कोविड महामारी के चलते अर्थव्यवस्था खराब है और लोगों की जेबें खाली हैं.

गैस स्टेशनों पर साइबर हमले का कोड 64411 दिया जा रहा है. इसी तरह का साइबर कोड इस जाल जुलाई महीने में ईरान के रेलरोड सिस्टम पर हुए हमले को दिया गया था. इजरायल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी चेक पॉइंट ने ट्रेन अटैक के पीछे उस हैकर्स ग्रुप का नाम दिया था जो खुद को इंद्र का नाम देते हैं. इंद्र को हिंदू देवताओं में गिना जाता है. यह ग्रुप पूर्व में सीरिया में भी एक कंपनी पर हमला कर चुका है. इस हमले में राष्ट्रपति बशर असद ने ईरान का हाथ बताया था.

ईरान में सस्ती गैस लेना लोगों का जन्मसिद्ध अधिकार माना जाता है. पूरी दुनिया में कोविड महामारी के हाहाकार के बीच ईरान में तेल और गैसों पर सब्सिडी जारी है. ईरान दुनिया में चौथा देश है जिसके पास कच्चे तेल का सबसे अधिक भंडार है. ईरान ऐसा देश है जहां गैस और तेल के दाम में मामूली बढ़ोतरी भी बड़ा बवाल खड़ा कर देती है. 2019 में ईरान के 100 से ज्यादा शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसे थामने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी थी. इसमें कई लोग मारे गए थे. इस साइबर हमले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या ईरानी गैस के दाम बढ़ जाएंगे?

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