कोरोना महामारी के बीच बीते महीने से शुरू हुआ भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभी भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। जहां बीते 6 जून को करीब 5 घंटे से भी ज्यादा वार्ता हुई थी वहीं सुत्रों की माने तो आज एक बार फिर से दोनों देशों के डिवीजन-कमांडर्स के बीच बातचीत हो सकती है। इससे पहले हुई बैठक में दोनों देशों के कमांडरों में इस बात पर सहमति बनी थी कि भारत और चीन के बीच सीमा के सभी 4 फेस ऑफ पर सैन्य कमांडरों के बीच मीटिंग की जाएगी। फिछली वार्ता के मुताबिक जिस जगह पर डिसइंगेजमेंट हुआ है, वो गोगरा के करीब पाउंट 14, 15 और 17 हैं। यहां पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे हैं। बता दें गैलवान घाटी में चीन ने अपने टेंट पहले ही कम कर लिए थे और सभी टेंट चीन की सीमा में थे।
आपको बता दें गैलवान घाटी वही क्षेत्र है जो सब-सेक्टर नार्थ का हिस्सा माना जाता है। ये इलाका इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फिंगर-एरिया तक पहुंचने के लिए भारतीय सैनिक इन इलाको को एक विकल्प के तौर पर प्रयोग करती है। अभी तक फिंगर एरिया तक पहुंचने के लिए पैंगोग-त्सो के करीब से फॉबरांग होकर एक रास्ता था। लेकिन गोगरा के इस्तेमाल से चीनी सेना ने यहां अपनी तैनाती को और मजबूत कर दी थी। दोनों देशों के बीच विवाद का अब मुख्य मुद्दा फिंगर एरिया ही है। जहां दोनों देशों की सेना बड़ी तादाद में तैनात हैं। हालांकि 6 जून की लंबी चली वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाएं पिछे हटी थी।